बहन के ससुरालीजन और पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप

लखनऊ
(एजेंसी)। अपर मुख्य सचिव नगर विकास नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग के निजी सचिव विशंभर दयाल ने सोमवार दोपहर खुद को गोली मार ली। उन्हें गंभीर हालत में लोहिया अस्पताल ले जाया गया है।
बापू भवन में आठवें तल पर अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे के दफ्तर में हुई घटना से अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में पुलिस और शासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम बुलाई गई। फोरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि निजी सचिव ने खुद को गोली क्यों मारी है। सूचना के मुताबिक विशंभर दयाल लगभग डेढ़ बजे बापू भवन आए थे और एक बजकर 45 मिनट पर कमरे से गोली चलने की आवाज आई। वहीं जांच में पुलिस को मौके से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा था बहन के ससुराल वालों से विवाद चल रहा था। जिसमें उन्‍नाव के थाना उरौसा में उन पर मुकदमा लिखा गया था। जिसकी वजह से वे तनाव में चल रहे थे। वहीं मामले में उन्‍होंने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। पुलिस प्रताड़ना के संबंध में जांच आइजी रेंज लक्ष्‍मी सिंह को सौंपी गई है।
डीसीपी सेंट्रल डा. ख्याति गर्ग ने बताया कि दोपहर एकाएक अपर मुख्य सचिव के कक्ष से गोली चलने की आवाज सुनते ही पड़ोस के दफ्तर में काम कर रहे एक निजी सचिव उनके कक्ष में पहुंचे। कक्ष में खून से लथपथ हालत में विशंभर दयाल पड़े थे। उन्होंने तत्काल उच्चाधिकारियों और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद विशम्भर दयाल को गंभीर हालत में लोहिया ले जाया गया। सूचना पर इंस्पेक्टर हुसैनगंज दिनेश कुमार विष्ट, एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र मिश्र समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। निजी सचिव ने कनपटी पर सटा कर खुद को गोली मारी है। रिवाल्वर में डोरी लगी थी। इस लिए संभावना है कि रिवाल्वर उनकी लाइसेंसी है। घटना की विभिन्न बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है।
किसी से फोन पर कर रहे थे बात: विशंभर दयाल गुलाल खेंडा थाना मलिहाबाद लखनऊ के रहने वाले हैं। वे वर्तमान में ठाकुरगंज के रस्तोगी नगर में रह रहे थे। इनके साथ इनकी पत्नी तथा भाई के बच्चे रहते हैं। सूत्रों के मुताबिक निजी सचिव विशम्भर दयाल के मोबाइल पर किसी का फोन आया। फोन पर बात करने के बाद उन्होंने गोली मारी है। पुलिस की टीम इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि किसका फोन निजी सचिव के पास आया था। वह किससे बात रहे थे। ऐसा कौन का कारण था कि वह छुट्टी के दिन दफ्तर पहुंचे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts