जिन लाभार्थियों के बैंकों का विलय हुआ है वह अपने नये आईएफएस कोड की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें



मेरठ, 20 अगस्त 2021। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत मिलने वाले लाभ के लिए लाभार्थी की बैंक में केवाईसी होना (नो योर कस्टमर) जरूरी है । केवाईसी अपडेट होने पर ही लाभार्थी को योजना का लाभ मिल सकेगा।



 यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने दी। उन्होंने बताया- पिछले दिनों कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय हुआ है, जिस कारण बैंकों के आईएफएस कोड (भारतीय वित्तीय प्रणाली संहिता) बदल गये हैं। इस वजह से बहुत से लाभार्थियों को भुगतान संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह अपनी बैंक में जाकर अपना केवाईसी (नो योर कस्टमर) करा लें और नये आईएफएस कोड की जानकारी स्वास्थ्य विभाग में दर्ज करा दें, ताकि उनका शीघ्र भुगतान किया जा सके।



योजना की नोडल अधिकारी डा. पूजा शर्मा ने कहा है कि जिन लाभार्थियों के बैंकों के विलय हुए हैं वह नये आईएफएस कोड की जानकारी जल्दी स्वास्थ्य विभाग को दे दें, ताकि उनके भुगतान में देरी न हो। उन्होंने बताया – योजना के स्टेट हेल्पलाइन नंबर 7998799804 पर संपर्क कर लाभार्थी अपनी समस्या का समाधान करा सकते हैं।
योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक रिचा श्रीवास्तव ने बताया-योजना के सभी लाभार्थियों को भुगतान किया जा रहा है। योजना के तहत जनवरी 2017 से अब तक जिले में 56 हजार से अधिक लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा चुका है। बाकी जो लाभार्थी रह गये हैं। शीध्र ही उनको भुगतान करा दिया जाएगा। शासन की ओर से पहली बार मां बनने वाली हर महिला को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
   
पहली बार गर्भवती होने पर मिलते हैं पांच हजार रुपये
योजना की नोडल अधिकारी ने बताया- गर्भवती महिलाओं को उचित खानपान एवं पोषण के लिए देश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) चल रही है। योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में 5000 रुपये की धनराशि दी जाती है, चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये। निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर (गर्भावस्था के छह माह बाद) दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।

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