जिस देश के ज़र्रों में सितारों की चमक है
जिस देश के पतझड़ में बहारों की रमक है
जिस देश के फूलों में मुहब्बत की महक है
जिस देश के पेड़ों पे परिंदों की चहक है
जिस देश में आने को तरसते हैं फ़रिश्ते
जिस देश पे दिन रात बरसते हैं नविश्ते


जिस देश पे नानक का सदा हाथ रहा है
जिस देश को गांधी का सदा साथ रहा है
टैगोर ने जिस देश को गीतों से सजाया
इकबाल ने जिस देश को नज़्मों से लुभाया
जिस देश के कण कण में शहीदों का लहू है
जिस देश के चेहरे पे हरिक  रंग है बू  है
जिस देश के शुहरत पे ज़माने की नज़र है
जिस देश को जन्नत की जहन्नुम की ख़बर है
जिस देश की लेता है बलायें ये ज़माना
जिस देश को देता है दुआयें ये ज़माना
वो देश कि हैं, गगों जमन जिसकी अमानत
दुनिया में है जिस देश की हर शख्स से निसबत
उस देश की मिट्टी पे हमें नाज़ रहेगा
नज़रों में ज़माने की वो मुमताज़ रहेगा
सोने से मेरे देश को सौ बार नमन है
देवों ने लिए हैं जहां अवतार, नमन है
हर ज़ात में, मज़हब में जहां प्यार, नमन है
ऐ "अक्स" मेरे देश को सौ बार नमन है
- सोनिया अक्स
माडल टाउन, पानीपत।


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