मधूलिका रस्तोगी
फेस्टिवल्स हमारे जीवन का अहम हिस्सा हैं। इनसे न केवल खुशियां आती हैं बल्कि प्रेम भी बढ़ता है। अब आप रक्षा बंधन के त्यौहार को ही ले लीजिये। राखी के साथ मिठाई का भी विशेष महत्व होता है इस दिन। भाई के हाथ पर नारियल रखकर बहनें राखी बांधती हैं। लेकिन कुछ ऐसी भी बातें होती हैं जिन्हें आपको ध्यान रखना चाहिए।
रक्षा बंधन प्रतीक है प्रेम का
राखी बांधते समय अपने भाई का हाथ भरा होना चाहिए। तभी राखी बांधना शुभ होता है। ये महज़ एक त्यौहार नहीं बल्कि भाई-बहनों का विश्वास है। इसलिए इसमें दिखावा नहीं केवल प्रेम और सच्ची भावनाएं होनी चाहिए।
कहते हैं कि सच्चे मन से रक्षा बंधन पर मांगी मनोकामना पूरी होती है। जी हां रक्षा बंधन पर आप अपने भाई के लिए सच्चे मन से जो भी मांगती हैं, मिलता है। इसमें किसी तरह के स्वार्थ की भावना नहीं होना चाहिए। न बहन के मन में और न ही भाई के मन में। इस दिन अपने एक-दूसरे के लिए बुरी भावना भी नहीं रखना चाहिए।
सही तरीके से प्रयोग करें नारियल को
बहन अपने भाई के हाथ में नारियल रखती हैं। भाई नारियल पकड़ता है और बहन राखी बांधती है। ये परंपरा सदियों पुराणी है। हाथ भरा होने के पीछे यह कामना रहती है कि भाई के हाथ में सदैव लक्ष्मी बनी रहे। इसी कारण उसके हाथ में ‘‘श्री’’ फल अर्थात नारियल रखा जाता है।
कुछ लोगों केले, मिठाई अथवा सूखे नारियल के गोले भी रखते हैं, यह पूर्णत: गलत है। कौन बहन चाहती है कि उसके भाई के हाथ सूखे रह जाएंॽ यदि बहन नहीं चाहती है तो उसे अपने भाई के हाथ में ‘जलयुक्त श्रीफल’ ही रखकर राखी बांधना चाहिये।
परम्परा यह है कि शादी-शुदा बहने जब मायके आती हैं तो भाई के लिये नारियल और भाभी के लिये सूखा-गोला लाती है। इसे उनकी झोली में डालती हैं। कालांतर में इस सूखे गोले से कुछ बहनों ने गलती करते हुए भाईयों को राखी बांधना शुरु कर दी। जबकि यह सूखा गोला सिर्फ भाभी के लिये होता है। भाई के हाथ में श्रीफल ही रखा जाता है ?
नारियल नहीं है तो सिर्फ धन अर्थात कुछ रुपये हाथ में रखकर भी राखी बंधवा सकते हैं। लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं रखना चाहिये। परिस्थितिजन्य अक्षत मतलब बिना टूटे साबूत चावल भी रखे जा सकते हैं। एक ही श्रीफल से पूरे परिवार के लोग राखी बंधवा सकते हैं। इसलिये अलग-अलग श्रीफल नही खरीदना चाहिये ।
केवल रेशम की राखी ही बांधें
बहनों को प्रयास करना चाहिए कि वह अपने हाथ से रेशमी धागे की राखी बनाकर भाई को बांधे। रेशम के धागे आसानी से बाजार में मिल जाते हैं। रक्षा बंधन कोई दिखावे की वस्तु नहीं है, वह मर्यादा और शक्ति का प्रतीक है। इसलिये इसमें तडक़-भडक़-चमक की जरुरत नहीं है। बाज़ार में मिलने वाली राखी सिर्फ बच्चों का मन बहलाने का माध्यम है। यदि आप भाई को चाहती हैं तो रेशम की डोर ही बांधे।
घर पर ही बनायें प्रेम से मिठाई
मिठाई को लेकर भी सावधान रहें। पहला प्रयास बहने अपने हाथ से कोई मिठाई बनाये। नहीं बना सके तो हलुवा बना ले। बहुत मजबूरी में ही बाजार से मिठाई लायें। भाई, अपनी बहन को स्पष्ट कहे कि खुद मिठाई बनाकर लाना, बाजार की नहीं होना चाहिये। वैसे भी बाज़ार की मिठाई में वह स्वाद कहां जो बहन के हाथ से बनाई मिठाई में होगा। तो इस रक्षा बंधन आप भी खुद ही मिठाई बनायें।

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