भक्ति जगाते बर्धमान के 108 महादेव
- विनोद कुमार दुबे
राबर्ट्सगंज, सोनभद्र।
 

श्रावण भगवान शिव का प्रिय मास होता है। पूरे भारत में इस समय शिव के जलाभिषेक, धार्मिक पूजा-पाठ और आनंददायी मेलों का आयोजन किया जाता है। भक्त दूर-दूर से कांवड़ लाकर अपने स्थानीय शिवालयों में भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। वैसे तो श्रावण माह में हर शिव मंदिर की महिमा निराली होती है, लेकिन पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में स्थित ‘108 शिव मंदिर समूह’ की बात ही कुछ और है।



बंगाल के प्रमुख शहर और राजधानी कोलकाता से 108 किलोमीटर दूर बर्धमान के नवाब हाट में स्थित है भगवान शिव के 108 मंदिरों का समूह। इन 108 शिव मंदिरों का निर्माण रानी विष्णु कुमारी ने सन‍् 1784 में शुरू कराया था। उस समय देश में अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजों ने यहां स्थित नवाब हाट को तहस-नहस कर दिया था। रानी कई दिनों तक परेशान रहीं। कहा जाता है कि एक रात भगवान शिव उनके सपने में आये और उन्हें इसी स्थल (नबाब की हाट) पर 108 मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया। इस काम को पूरा करने में चार साल लग गये और 108 मंदिरों का समूह सन 1788 में बन कर तैयार हुआ।
भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए यहां बीचोबीच स्थित तालाब से आप जल ले सकते हैं। मंदिर के बाहरी वृत्त भाग में 74 मंदिर और अंदरूनी भाग में 34 मंदिर हैं। ये सभी मंदिर झोपड़ीनुमा आकार में बने हुए हैं और सारे के सारे एक जैसी आकृति के हैं। सिर्फ एक मंदिर में भगवान शिवलिंग के साथ माता पार्वती के दर्शन होते हैं, अन्य 107 में सिर्फ शिवलिंग हैं। जहां 54 मंदिर पूरे होते हैं, वहां जोड़े से सफेद और काले रंग के नंदी के दर्शन होते हैं। हालांकि, यहां साल भर श्रद्धालु दर्शन को आते हैं, पर सावन के महीने में यहां की रौनक अलग ही हो जाती है।

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