सरधना (मेरठ) आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत वाई.एस.एल. कॉलिज ऑफ एजुकेशन नगंलाताशी, कंकरखेडा, मेरठ में शंतरज प्रतियोगिता आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का शुभारम्भ संस्था के संस्थापक कुबेर दत्त शर्मा, विभागाध्यक्ष श्रीमति शलौनी एवं मंजु वर्मा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक कुबेर दत्त शर्मा ने कहा कि शतरंज भारत के प्राचीन खेलों में से एक है और इस खेल कि उत्पत्ति भारत में ही हुई जिसे पहले चतुरंग कहा गया। इसकी उत्पत्ति से लेकर बहुत सी कहानियां प्रचलित हैं और कई भारतीय ग्रंथों में इसका उल्लेख आसानी से देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि शतरंज एक रोचक खेल है और हमारे बौद्धिक विकास में यह अहम भूमिका निभाता है। भारत सरकार भी खेल-कूद को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष लाखों रुपये खर्च करती है। तो स्वयं भी खेलें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें। 
संस्था की विभागाध्यक्ष श्रीमति शलौनी ने बताया कि शतरंज एक बेहद रोचक खेल है और इसे कई बुद्धिजीवी बड़े शौक से खेलते हैं। हर उम्र के लोग इस खेल का आनंद लेते हैं और जगह-जगह खेल प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं। शतरंज भी पुराने खेलों में से एक है। जिसकी उत्पत्ति 6 वीं शताब्दी में मानी जाती है। शतरंज एक इनडोर खेल है और यह भी एक वजह है इसके इतने लोकप्रिय होने का। शायद यही वजह भी है कि हमारे अभिभावक पढ़ाई के बीच ऐसे खेल को बढ़ावा देते रहे हैं।
प्रतियोगिता में संस्थान के छात्र और छात्राओं द्वारा बढ-चढ कर भाग लिया गया। जिसमें लक्की सिरोही, अरविन्द, ज्योति गोयल, पूर्णिमा सिंह, दीपा, वृष्टि कौशिक, सोनिया राना आदि द्वारा ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। जिसमे छात्रों में लक्की सिरोही एवं छात्राओं में पूर्णिमा सिंह विजयी रहे।

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