यूएस के बाद आईएमएफ ने भी रोकी अरबों डालर की रकम
वाशिंगटन (एजेंसी)। अफगानिस्‍तान में बद से बदतर होते हालात के बाद अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने अफगानिस्‍तान को मिलने वाली करीब 460 मिलियन डालर की राशि की निकासी को रोक दिया है। आईएमएफ ने ये फैसला वहां पर तालिबान के कब्‍जे के बाद लिया है।
आईएमएफ का कहना है कि तालिबान के आने के बाद देश में असमंजस की स्थिति है। आईएमएफ का ये फैसला अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन के दबाव के बाद सामने आया है। बाइडन का कहना है कि ये रकम किसी भी सूरत में तालिबानियों के हाथों में नहीं जानी चाहिए।
इससे पहले अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन ने विदेश में जमा देश की अरबों डालर की राशि को भी जब्‍त करने के आदेश दिए थे। इसके तहत अफगानिस्तान सेंट्रल बैंक की करीब 70 हजार करोड़ रुपये (9.4 अरब डालर) की रकम को जब्त कर लिया गया था। इसकी जानकारी द अफगान बैंक (डीएबी) के कार्यवाहक गवर्नर अजमल अहमदी ने दी थी। गौरतलब है कि अहमदी तालिबान के आने से पहले देश छोड़ चुके थे।
पंजशीर घाटी में जुट रहे तालिबान के विरोधी
अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी में तालिबान से लोहा लेने के लिए उसके विरोधी इकट्ठा होने लगे हैं। 1980 के दशक में अफगानिस्तान के सोवियत विरोधी प्रतिरोध के मुख्य नेताओं में से एक अहमद शाह मसूद के बेटे ने पंजशीर घाटी में अपने गढ़ से तालिबान के खिलाफ पकड़ बनाने का संकल्प लिया है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि नार्दन एलाएंस तालिबान के खिलाफ लड़ाई शुरू कर सकता है। पंजशीर घाटी में तालिबान को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि अफगान आर्मी के काफी संख्या में जवान भी पंजशीर घाटी पहुंचे हैं। अहमद शाह मसूद के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक अमरुल्ला सालेह हैं जो अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति थे। उन्होंने पंजशीर घाटी में शरण ली हुई है।

बच्चों को कंटीले बाड़ के पार फेंक रहीं महिलाएं
अफगानिस्तान में तालिबान शासन को लेकर सबसे ज्यादा डर अमेरिकी सेना के मददगार लोगों और महिलाओं के बीच फैला है। ऐसे में किसी भी तरह की सजा से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द अफगानिस्तान छोड़ा जा सके। हालांकि, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी रोकने के लिए अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने कंटीले तारों के बाड़े बनाए हैं, जिससे सिर्फ चुनिंदा लोगों को मिशन के तहत बाहर निकाला जाए। गार्डों का तो कहना है कि महिलाएं एयरपोर्ट के अंदर आने के लिए अपने बच्चों को कंटीले बाड़ों के पार फेंक रही हैं और दूसरी तरफ सैनिकों से उन्हें पकड़ने की अपील कर रही हैं।
अफसर ने कहा, "ये खतरनाक है। महिलाएं अपने ही बच्चों को कंटीले तारों के पार फेंक रही थीं और सैनिकों से उन्हें कैच करने के लिए कह रही थीं। इस दौरान कुछ बच्चे तारों में ही फंस जा रहे थे।"

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