लोकतंत्र के नाम पर अराजकता को बढावा दे रहे हैं नेता


Meerut -  लाखों करोड़ों देशभक्त बलिदानी हिन्दुस्तान के बलिदानियों के लहू से प्राप्त आजादी के 75 वे स्वतंत्रता दिवस की सभी देशवासियों को एन्टी करप्शन मूवमेंट भारत की ओर से बधाई देते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा ओमकार गुप्ता ने राष्ट्रभक्तों का आव्हान करते हुए कहा कि हमें मुट्ठी भर  सत्तालोलुप स्वार्थी सफेदपोशों से सावधान रहना है। 
ये सफेद पोश सत्ता के बिना ऐसे तडप रहे हैं जैसे जल के बिना मछली तडपती है इसीलिए ये लोकतंत्र में संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार का अतिक्रमण और दुरूपयोग करके लोकतंत्र को बदनाम और शर्मशार करने का षडयन्त्र रच रहे हैं जिसकी बानगी सी ए ए के विरुद्ध प्रोटेस्ट में और 26 जनवरी को हुए  लालकिले पर हुडदंग और राष्ट्र ध्वज के अपमान के रूप में परिलक्षित होती हुई दिखाई दी।
             आज लोकतंत्र के नाम पर आवागमन के मार्ग को बन्धक बनाकर स्थानीय निवासियों को उनके संवैधानिक अधिकारों से सिर्फ इसलिए वंचित रखा जा रहा है कि केन्द्र सरकार तथाकथित काले तीन कृषि कानून को वापिस नहीं ले रही है।  ये सरकार को अथवा जनता को यह बताने में हमेशा विफल रहे हैं कि इनमें काला क्या हैं? 
कुछ राजनैतिक पार्टियां जिनका अस्तित्व धारा 370, 35A, हटने से समाप्ति की ओर है, जो  ट्रिपल तलाक एक्ट, जनसंख्या कानून, आदि के पास होने से हासिये पर आ गई है,  ये अपने आपका अस्तित्व बचाने के लिए लोकतंत्र का मन्दिर कहे जाने वाली संसद में किस कदर लोकतंत्र की हत्या करके उसे उचित करार देते हैं इसे देखकर आम भारतीय का सिर लज्जा से  शर्म शार है। 
टैक्स पेयर्स के गाढे पसीने से कमाकर जमा कराये गये धन को किस प्रकार बरबाद किया जा रहा है, यह जनता भली भांति देख रही है। 
क्या स्वतन्त्रता यह कहती है कि अपने ऐशोआराम के लिए अपने ही देशवासियों को उनके  संवैधानिक अधिकारों से महरूम कर दिया जाये? 
क्या हम अपनी मांगो के समर्थन में देश की प्रगति को,  देश के कानून को, देश के अन्य नागरिकों को बन्धक बना सकते हैं? 
75वे स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर आम जनता को दलगत राजनीति से अलग हटकर सोचना होगा कि आन्दोलन के नाम पर अराजकता को बढावा देना, आम जनता को घरो में कैद करा देना, आम जनता के काम काज को बरबाद कर देना, राष्ट्र ध्वज का अपमान करना,  पुलिस बल को मारना- पीटना, संसद के अन्दर सांसदों के द्वारा मानवता और लोकतंत्र को शर्मशार करने वाला व्यवहार करना, देश के गद्दारों को और आतंकवादियों को संरक्षण देने वालों की बात करना, स्वतंत्रता के लिए कितना सही है?

डा ओमकार गुप्ता, 
राष्ट्रीय अध्यक्ष 
एन्टी करप्शन मूवमेंट भारत

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