मेरठ। पश्चिम उप्र का कुख्यात गैंगलीडर उधम सिंह करनावल जमानत पर रिहा हो चुका है। उसकी रिहाई के बाद करनावल में जश्न की तैयार चल रही है। उधम सिंह के जमानत पर रिहा होने पर मेरठ सहित कई जिलों की पुलिस सतर्क हो गई है। कुख्यात उधम सिंह बाराबंकी जेल में बंद था। जहां से वह जमानत पर रिहा हुआ है। कुख्यात उधम सिंह जेल से ही अपने गैंग को आपरेट कर रहा था। उधम सिंह के जमानत पर रिहा होने और गैंगवार बढ़ने की आशंका के चलते पुलिस ने उसके शूटरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उधम सिंह ने 2011 में गाजियाबाद कचहरी में सरेंडर किया था। उसके बाद से वह प्रदेश की विभिन्न जेलों में रहकर अपना गैंग चला रहा था। दस साल से जेल की सलाखों के पीछे रह रहे उधम सिंह की दुश्मनी योगेश भदौड़ा से जग जाहिर है। उधम सिंह का गैंग पुलिस फाइलों में जहां डी-50 गैंग के नाम से रजिस्टर्ड है वहीं योगेश भदौड़ा का गैंग डी-75 के नाम से। दोनों के बीच ही खूनी जंग चलती रही हैं। योगेश सिद्धार्थनगर जेल में बंद है। उधम सिंह के जमानत पर रिहा होने के बाद थाना सरूरपुर पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है। उधम पर लूट, हत्या, डकैती और रंगदारी के 46 मुकदमे दर्ज हैं। उधम पर दर्ज 46 मुकदमो में वो सभी से बरी हो चुका है। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद भी जेल से बाहर नहीं आया था। 2011 में सरेंडर करने के बाद से अब तक उधम सिंह गाजियाबाद, मेरठ, लखनऊ, प्रयागराज, आजमगढ़, सोनभद्र व बाराबंकी की जेल में रह चुका है। उधम सिंह की रिहाई शनिवार शाम को बाराबंकी जेल से हुई। रिहाई के बाद से उधम अपने गांव नहीं पहुंचा है। वहीं उसकी रिहाई पर करनावल स्थित उसके घर पर एक आयोजन की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि उधम सिंह इस आयोजन में शामिल होने अपने गांव आएगा। 
हो चुका समझौता नहीं होगी गैंगवार 
सूत्रों की माने तो उधम सिंह और योगेश भदौड़ा के बीच समझौता हो चुका है। दोनों ने ही एक-दूसरे पर हमला न करने की शपथ ली है। जिससे माना जा रहा है कि दोनों के बीच अब किसी प्रकार की कोई गैंगवार नहीं होगी। बता दे कि 2014 में ही योगेश भदौड़ा और उधम सिंह के बीच चल रही गैंगवार पर विराम लग सकता था। दोनो गैंगों के बीच हो चुके कई कत्लेआम के बाद योगेश भदौड़ा गैंग ने उधम सिंह से समझौता होने की बात की थी। मेरठ कचहरी में पेशी पर आए योगेश भदौड़ा ने उस दौरान कहा भी था कि कि उधम सिंह से समझौता करने में कोई दिक्कत नहीं है, उधम सिंह चाहे तो वह समझौता कर सकता है। योगेश और उधम सिंह के बीच गैंगवार में कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं। उधम सिंह के शूटर नितिन उर्फ गंजा की कचहरी में योगेश ने हत्या करा दी थी, जिसके जवाब में उधम सिंह ने योगेश भदौड़ा के रिश्तेदार की सरधना में हत्या करा दी थी। उधम सिंह ने रोहटा रोड पर योगेश भदौड़ा के खास रहे डा0 सुभाष की भी हत्या करा दी थी। पुलिस ने इन सब मामलों में आरोपियों को पकड़कर जेल भी भेज दिया था। इतना होने के बावजूद उधम सिंह और योगेश ने कचहरी में एक दूसरे के खानदान को खत्म करने की धमकी दी थी। लेकिन अब बदली परिस्थिति में दोनों ही एक-दूसरे से समझौते के लिए तैयार हो चुके हैं।

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