चूड़ी, बिंदी, काजल, महेंदी, पायल है नारी का श्रृंगार सदा ही सबका बनाए रखना हे सच्चे करतार।। नारी के बिना ये दुनिया दोस्तों सूनी ही हो जाएगी माँ के बिना फिर बच्चों को लोरी कौन सुनाएगी।। पुरुष के बिना भी ये नारी कुछ नहीं कर पाएगी
माना बच्चे पाल भी लेगी पति का प्यार कहां से लाएगी।। बच्चे और घर का चूल्हा चौका अकेले न सम्भाल पाएगी पति के बिना दोस्तों ये बिन मौत आए मर जाएगी।। पत्नी के बिना इस दुनिया में पुरुष कुछ नहीं कर पाता है घर तो बीवी से बनता है नहीं तो मकान ही कहलाता है।। मैं (कम्मो) रब्ब से एक ही दुआ करती हूं बस दोनों का साथ बनाये रखना श्रृंगार यूं ही सजाए रखना।
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