हेडिंग- केंद्र ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई को स्वतंत्रः हाईकोर्ट
नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को छूट दे दी है। कोर्ट ने कहा अगर ट्विटर आईटी नियमों का उल्लंघन करता है तो केंद्र ट्विटर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। इसके साथ ही मामला 28 जुलाई के लिए स्थगित कर दी है। ट्विटर अंतरिम अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में एक हलफनामा दाखिल करेगा। शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति को लेकर ट्वीटर की ओर से बृहस्पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जानकारी दी कि 8 सप्ताह के भीतर उचित कदम उठाएगा। वहीं, सच बात तो यह है कि ट्विटर पर केंद्र सरकार की चेतावनी का कोई असर नहीं है। शिकायत अधिकारी की नियुक्ति को लेकर ट्विटर बार-बार सरकार को तारीख दे रहा है। बताया कि ट्विटर ने नियम के मुताबिक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति की थी लेकिन पिछले महीने ही 27 जून को अंतरिम शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद से ट्विटर नए शिकायत अधिकारी की तलाश में है। अब ट्विटर ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि उसे नए शिकायत अधिकारी को नियुक्त करने के लिए 8 हफ्ते का समय चाहिए। ट्विटर ने बृहस्पतिवार को कोर्ट को यह भी बताया है कि फिलहाल उसने थर्ड पार्टी सोर्स के जरिए 6 जुलाई को मुख्य शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है और इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी सूचित किया है। बता दें कि नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत भारतीय उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है। इससे पहले हुए सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति के मुद्दे पर हाईकोर्ट के सामने गलत तथ्य पेश करने के लिए ट्विटर की खिंचाई हुई थी। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि अगर आप इस गलतफहमी में हैं कि भारत में आप जितना चाहे उतना समय ले सकते हैं और आपसे कोई सवाल नहीं करेगा तो आपको कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देगा। हाई कोर्ट ने 2 दिन पहले मंगलवार को ट्विटर को 8 जुलाई तक यह बताने का निर्देश दिया था कि नए आईटी नियमों के अनुपालन में वह स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति कब करेगा। उधर, इस बाबत केंद्र की ओर से कहा कि 42 दिन बीतने के बाद भी ग्रीवांस ऑफिसर नियुक्त नहीं किया जाना नए आईटी नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
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