प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय बुधवार से दोनों पीठों (लखनऊ और इलाहाबाद) में फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू करेगा।
कोर्ट ने इस संबंध में दिशा-निदेशरें को अंतिम रूप देकर जारी कर दिया है।
हालांकि, वर्चुअल तरीके से भी हियरिंग जारी रहेगी।
पहले चरण में अधिवक्ताओं के चैंबर नहीं खोले जाएंगे। हालांकि, उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशरें पर भौतिक सुनवाई की व्यवस्था सफल रही तो कक्षों को खोलने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
दिशानिदेशरें के अनुसार, केवल उन्हीं अधिवक्ताओं को परिसर में अनुमति दी जाएगी जिन्हें कोविड के खिलाफ टीका लगाया गया है।
उन्हें बिना किसी विरोध के प्रवेश के समय टीकाकरण प्रमाण पत्र दिखाना होगा, वरना समिति शारीरिक सुनवाई व्यवस्था को वापस ले सकती है।
फिजिकल सुनवाई के दौरान, अधिवक्ताओं को फेस मास्क/कवर पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। केवल वही अधिवक्ता परिसर में प्रवेश करेंगे जिनके मामले सूचीबद्ध हैं और इसके लिए उन्हें मोबाइल फोन या किसी अन्य मोड पर मामले की सूची दिखानी होगी।
एक बार में दस से अधिक अधिवक्ता एक न्यायालय कक्ष में नहीं रहेंगे।
फिजिकल सुनवाई के दौरान, अधिवक्ताओं को रजिस्ट्री को अग्रिम जानकारी के साथ वर्चुअल सुनवाई का विकल्प चुनने की अनुमति होगी, इस तरह, अगले आदेश तक ई-मोड भी चालू रहेगा।

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