कसेगा शिकंजा नहीं चलेगी अब मनमानी 

मेरठ। अब सरकारी के साथ ही निजी कॉलेजों पर सूचना अधिकार अधिनियम लागू होगा। अब निजी कॉलेज भी सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गयी सूचना देने के लिए बाध्य होंगे। यह जानकारी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा0 राजीव कुमार गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने गत बुधवार को संजय शर्मा बनाम जन सूचना अधिकारी/मुख्य सचिव उप्र शासन के विषय में दाखिल अपील के निस्तारण में ये व्यवस्था दी है। जन सूचनाओं की महत्ता को देखते हुए निजी विद्यालयों और प्रबंधकों से भी जन सूचना अधिकारी घोषित कराने की व्यवस्था करें।
बता दें कि निजी विद्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत इस आधार पर सूचना नहीं देते थे कि वे राज्य की ओर से वित्त पोषित नहीं है इसलिए वे अधिनियम की परिधि से बाहर हैं। आयोग ने कहा कि वर्ष 2009 में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम पारित होने के बाद सभी विद्यालय इसी अधिनियम में आते हैं। अधिनियम एवं उप्र निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 के प्रपत्र-1 व 2 में कहा गया है कि जिला शिक्षाधिकारी को सूचनाएं देना चाहिए। ऐसी स्थिति में जिला शिक्षाधिकारी पर प्रपत्रों में उल्लिखित सूचनाएं देने का नियम लागू होता है। वे प्रपत्रों में वर्णित समस्त सूचनाओं को आरटीआइ एक्ट की धारा-6 (1) के तहत मांगे जाने पर याची को देने के लिए बाध्य हैं। सूचना अधिकार अधिनियम के दायरे में आने के बाद अब निजी कॉलेजों की मनमानी पर शिकंजा कसेगा। इससे वे अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे। इससे एक ओर जहां कॉलेजों के छात्रों को लाभ मिलगा वहीं कॉलेज से जुड़ी जरूरी जानकारी मांगे जाने पर वह आसानी से मिल सकेगी। इससे पहले कॉलेजों के चक्कर काट-काटकर अभिभावक और छात्र परेशान हो जाते थे। उन्हें कॉलेज जानकारी नहीं देते थे।

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