लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के पोस्ट कोविड क्लीनिक में तैनात वरिष्ठ फीजिशियन डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य के अनुसार- बड़ी संख्या में ऐसे लोग उपचार के लिए आ रहे हैं जिन्हें पहले शुगर की कोई समस्या नहीं थी लेकिन कोविड होने के बाद वह इस बीमारी की गिरफ्त में आ गये हैं



मेरठ, 20 जुलाई 2021। कोरोना से ठीक हुए मरीजों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। अस्पतालों में उपचार के लिए आ रहे तमाम लोग ऐसे हैं जो कोविड से तो ठीक हो चुके हैं लेकिन उन्हें शुगर (डायबिटीज) जैसी गंभीर बीमारी ने घेर लिया है। यही नहीं कई ऐसे लोग भी उपचार के लिए आ रहे हैं जिन्हें पहले शुगर की बीमारी नहीं थी, लेकिन कोविड होने के बाद इसकी चपेट में आ गये हैं। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ के पोस्ट कोविड क्लीनिक में तैनात वरिष्ठ फीजिशियन डॉ. तुंगवीर सिंह आर्य का कहना है कि ऐसे मरीजों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।

डा. तुंगवीर सिंह आर्य ने बताया बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो कोरोना से तो ठीक हो गए हैं लेकिन कुछ न कुछ स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें सबसे अधिक परेशानी शुगर रोगियों को हो रही है। कई मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक होने के तीन से चार महीने बाद तक सांस लेने में तकलीफ, थकावट, सिर दर्द समेत कई अन्य परेशानियों का सामना कर रहे हैं। वहीं अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले तमाम लोग ऐसे हैं जिनकी शुगर अनियंत्रित हो गयी है। ऐसे में मरीजों को अपने खान-पान व जीवनशैली को ठीक रखने की जरूरत है।    
डॉ. आर्य  का कहना है कि कोरोना वायरस सीधे तौर पर पैंक्रियाज में इंसुलिन उत्पादित करने वाली कोशिकाओं पर असर डालता है। पोस्ट कोविड सेंटर में आठ से दस  मरीज शुगर के बढ़े हुए स्तर की समस्या लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन रोगियों को कोविड के इलाज के दौरान स्ट्रेरॉयड दिए गए थे, उनको यह परेशानी सबसे ज्यादा हो रही है।  
 बढ़ा शुगर स्तर शरीर के सभी अंगों को करता है प्रभावित
डा. आर्य ने कहा कि बढ़ा हुआ शुगर स्तर शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। यही कारण है कि पोस्ट कोविड मरीजों को स्वस्थ होने में काफी समय लग रहा है। कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरॉयड के सेवन से भी मरीजों में शुगर का स्तर बढ़ा है। जिन लोगों में डायबिटीज के लक्षण कभी नहीं थे, उनमें भी संक्रमण के बाद तेजी से शुगर के स्तर में इजाफा हुआ है। ऐसे में जो मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं सबसे पहले उनको शुगर नियंत्रित रखने की दवा दी जा रही है, क्योंकि अगर बीमारी को पूरी तरह ठीक करना है तो बढ़े हुए शुगर स्तर को लगातार सामान्य रखने की जरूरत है। ऐसे मरीजों को अपने खानपान व जीवन शैली को ठीक रखने की आवश्यकता है। ऐसे मरीजों को तरोताजा भोजन और नियमित व्यायाम करना चाहिए।

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