कार्यालयों व विद्यालयों में बनेंगी नवग्रह वाटिकाएंः वन मंत्री 
 ज्योतिष को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के प्रयास करेंगे


धर्मशाला (राहुल)। वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने रविवार को कहा कि सरकारी कार्यालयों व विद्यालयों में नवग्रह वाटिकाएं बनाई जाएंगी। इससे जहाँ पर्यावरण शुद्ध होगा वहीं लोग भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि ज्योतिष व सौर मण्डल के महत्व के प्रति जागरूक होंगे।  

श्री पठानियां 66वें अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि शीघ्र ही ज्योतिष को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चर्चा करेंगे। उन्होंने योग दिवस की तर्ज पर ज्योतिष दिवस को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का आग्रह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मानव संसाधन मंत्रालय से करेंगे।



उन्होंने अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच को आश्वस्त किया कि आगामी ज्योतिष सम्मेलन का आयोजन देवभूमि हिमाचल की मनोरम प्रकृतिक गोद में करवाने के लिए यथासंभव सहयोग करेंगे।
इससे पूर्व मंच के संस्थापक अध्यक्ष पं. राजीव शर्मा, संरक्षक विक्रान्त शर्मा, हस्तरेखा विशेषज्ञ पं. लेखराज शर्मा, अजय भाम्बी, विपन शर्मा, लोक गायक करनैल राणा, गौतम द्विवेदी ने राकेश पठानिया व धर्मशाला के विधायक विशाल नेहरिया का पुष्पित अभिनंदन किया।

ज्योतिष शोध को लेकर युवा वर्ग में जागरूकता आईः  डॉ. लेखराज
राष्ट्रपति अवार्ड विजेता व हस्तरेखा विशेषज्ञ डॉ. लेखराज शर्मा   ने कहा कि ज्योतिष बहुमुखी, विज्ञान व गणना आधारित विद्या है। इसके नियमों, उपनियमों , देश काल, स्थान, जातक व समयानुकूल समझने की जरूरत है। इसके लिए निरंतर अनुसंधान जारी हैं।ज्योतिष में शोधकार्यो के लिए विद्वान युवा विशेषकर नारी वर्ग में  जागरूकता आई हैं। कार्यो में विभिन्न ग्रहो की उपस्थिति व उनके प्रभाव के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।  इस दौरान कई जिज्ञासुओं ने विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से अपना पक्ष रखने और उसके निदान के बारे में विचार विमर्श किया। पं. लेख राज शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय ज्योतिष मंच द्वारा आयोजित किए जा रहे उक्त राष्ट्रीय स्तरीय ज्योतिष सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए पंडित राजीव शर्मा व उनकी टीम बधाई की पात्र है। हर बार सम्मेलन के आयोजन, संयोजन में कुछ नया देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की इस अनुपम भेंट का उत्थान कार्य  पुरातन व आधुनिकता के सुमेल से अधिकाधिक होना चाहिए।

स्टीक गणना से बढ़ा है ज्योतिष का वर्चस्व : डॉ. भारत भूषण भारद्वाज
 वैदिक ज्योतिषाचार्य डॉ. भारत भूषण भारद्वाज ने कहा कि ज्योतिष विद्या को किसी एक विषय मे बाँधना सम्भव नहीं है। वस्तुतः यह एक बहुआयामी ज्ञान है। भारतीय संस्कृति में ज्ञान का अथाह भंडार है। ज्योतिष, आयुर्वेद, वास्तु, अध्यात्म योग, दर्शन, व्याकरण, पर्यावरण, ब्रह्माण्ड संरचना, गणना  संबंधी जो जानकारी हमारे पुरातन ग्रंथो में उपलब्ध है। उनका प्रति जागरूक होने, उनके तर्क संगत शोध व स्टीक गणना से ही ज्योतिष का वर्चस्व बढ़ा है । इस पुनीत कार्य के मंच पिछले 26 वर्षों में निरंतर अपनी सार्थक भूमिका निभा रहा है।
मंच के संरक्षक विक्रान्त शर्मा ने बताया कि वर्ष 1995 में रोपित यह नन्हा पौधा अब विशाल वट वृक्ष में परिवर्तित हो चुका है। भारतीय संस्कृति की अनुपम देन ज्योतिष आधुनिक दौर में सम्मानजनक  रोजगार के उपलब्ध करवा रहा है।  इस अवसर पर बृज मोहन कपूर, गौतम द्विवेदी, भोला नाथ द्विवेदी,  शीतल वर्मा, राकेश जैन, खुशवंत मठारू, अवधेश पाठक, डॉली शर्मा व अन्य गणमान्य व्यक्तियों को गौरव चिन्ह भेंट किए गए।वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया और विशाल नेहरिया विधायक धर्मशाला का पुष्पित अभिनंदन करते हुए पं. राजीव शर्मा, विक्रान्त शर्मा, पं. लेखराज शर्मा, अजय भाम्बी, पं. विपन शर्मा व अन्य दूसरे चित्र में उपस्थित प्रतिभागी।

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