मेरठ। इस महीने के पहले हफ्ते में ही वायरल फीवर के मरीजों के तेजी से बढऩे के कारण दवाओं की बिक्री में करीब 20 से 25 फीसद तक इजाफा हुआ है।
 कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार कुंद पड़ जाने के बाद से दवाओं की बिक्री काफी घट गई थी। इससे दवा कारोबारियों के माल गोदाम में डंप हो गए थे। दवाओं की वापसी के भी रास्ते बंद हो गए थे, क्योंकि दवा कंपनियों ने भी दवाएं वापस लेने से साफ मना कर दिया था। इससे दवा व्यवसाइयों को भारी घाटा होने का अंदेशा था। लेकिन, इस महीने के पहले हफ्ते में ही वायरल फीवर के मरीजों के तेजी से बढऩे के कारण दवाओं की बिक्री में करीब 20 से 25 फीसद तक इजाफा हुआ है।



जुलाई के पहले सप्ताह से आई दवाओं की खपत में तेज :-
बारिश का मौसम होने के कारण कभी तेज गर्मी और जबर्दस्त उमस तो कभी अचानक मौसम में बदलाव  हो जाता है। इससे लोगों में वायरल फीवर एवं अन्य फंगल बीमारियां तेजी से बढऩे लगी हैं। वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से एंटीबायोटिक, एंटीपायरेटिक और एनालजेसिक दवाओं की बिक्री बढ़ी है। इस श्रेणी की दवाओं में पैरासीटामाल, नीमोस्लाइड, एसिक्लोफेनिक, सिप्रोफ्लाक्सेसिन, ओ-फ्लाक्सेसिन, एजिथ्रोमाइसीन दवाएं शामिल हैं। मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद दवाओं की बिक्री बहुत घट गई थी। मगर, जुलाई के पहले सप्ताह से वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में वृद्धि होने से दवाओं की बिक्री में तेजी आने लगी है। मेरठ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री रजनीश कौशल का कहना है कि कोरोना के बाद दवाओं की जो बिक्री रुक गई थी, उसमें अब तेजी आने लगी है।

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