बुखार, टीबी, दिव्यांगता, कुपोषण व आईएलआई पर रहेगा फोकस
इलाज से बेहतर है बचाव : डॉ. सुशील
शामली, 9 जुलाई 2021। दिमागी बुखार व अन्य मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिए जनपद संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है, इसी कड़ी में 12 जुलाई से दस्तक अभियान शुरू होगा, जिसमें मच्छर जनित बीमारी, बुखार, टीबी, दिव्यांगता, कुपोषण, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) आदि के बारे में आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। इसके लिए विभाग की तरफ से उन्हें प्रक्षिशण भी दिया गया है। अभियान में आशा-आंगनबाड़ी घर-घर जाकर लोगों को बीमारियों के प्रति जागरूक तो करेंगी ही, साथ ही बीमार लोगों की सूची तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी, ताकि उनको उपचार मुहैया कराया जा सके।
नोडल अधिकारी डॉ. सुशील कुमार ने बताया कोरोना से सतर्कता बरतने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग अब संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण में जुट गया है। इसमें कोरोना की तीसरी लहर रोकने के साथ-साथ कई बीमारियों पर नियंत्रण होगा। इसके तहत जिले के पांचों ब्लॉक कैराना, थानाभवन, कांधला, ऊन और सदर में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान तेजी से चल रहा है। 12 से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान चलेगा, जिसके लिए 885 आशा- आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लगाया गया है जो घर-घर जाकर लोगों से बीमारी के बारे में जानकारी लेंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते इस बार सबसे ज्यादा फोकस इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), टीबी, कुपोषण व बुखार पर रहेगा। आशा-एएनएम ऐसे मरीजों की सूची तैयार करेंगी जो इन बीमारियों से ग्रसित हैं। सूची के आधार पर मरीजों को इलाज कराया जाएगा ।
डॉ. सुशील का कहना है कि रोगों का इलाज करने से बेहतर है कि उनसे पहले ही बचा जाए। अधिकांश बीमारी मच्छर जनित होती हैं इसलिए थोड़ी सी सावधानी बरत कर इनसे बचा जा सकता है। इसलिए आम लोगों में जागरूकता बेहद जरूरी है, अपने आस-पास पानी जमा न होने दें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
टीबी व इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस के मरीजों की होगी खोज
डॉ. सुशील का कहना है कि जनपद में कोरोना के मद्देनजर विशेष तौर पर इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस व टीबी के मरीजों पर ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि कोरोना काल में इन बीमारियों से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
कुपोषित बच्चों पर होगी बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की नजर
दस्तक अभियान के तहत सूचीबद्ध कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) में भर्ती किया जाएगा तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से पोषण संबंधित आवश्यक खान-पान पर जोर दिया जाएगा ताकि कुपोषण को जड़ से मिटाया जा सके।
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