कोर्ट ने दी बैंकों को नीलाम करने की अनुमति
नई दिल्ली। लम्बे समय से देश से फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या की संपत्ति को बेचने की अनुमति प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिग एक्ट कोर्ट ने दे दी है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को संपत्तियां बैंक को सौंपने का आदेश दे दिया है।
पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर मल्लिकार्जुन राव ने बताया 5,600 करोड़ के बकाया कर्ज को वसूलने के लिए बैंक ने विजय माल्या की कुछ रियल एस्टेट की संपत्ति और सिक्योरिटी को बेचने की अनुमति दे दी है। देश के प्रमुख बैंक ये संपत्ति बेचेंगे। उन्होंने कहा किंगफिशर में पीएनबी का बहुत कर्ज नहीं है। लेकिन जब प्रमुख बैंक इस संपत्ति को बेचेंगे तब पीएनबी को भी अपना शेयर मिल जाएगा।
एसबीआई की अगुवाई में 11 बैंकों के समूह ने माल्या को कर्ज दिया था। समूह ने मनी लांड्रिंग निरोधक कानून पीएमएलए से जुड़े मामलों को देखने वाली विशेष अदालत से संपर्क कर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त संपत्ति उसे लौटाने का आग्रह किया था।
किंगफिशर एयरलाइन को दिए गए 6,900 करोड़ रुपए के मूल कर्ज में सर्वाधिक 1,600 करोड़ रुपये स्टेट बैंक ने दिए हैं। इसके अलावा, जिन अन्य बैंकों ने एयरलाइन को कर्ज दे रखा है, उनमें पंजाब नेशनल बैंक 800 करोड़ रुपए, आईडीबीआई बैंक 800 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया 650 करोड़ रुपए बैंक ऑफ बड़ौदा 550 करोड़ रुपए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 410 करोड़ रुपए शामिल हैं।
माल्या पर लगभग 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। इस मामले में उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस शामिल है। किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व मालिक और 65 वर्षीय कारोबारी विजय माल्या अप्रैल 2019 में अपनी गिरफ्तारी के बाद से प्रत्यर्पण वारंट पर ब्रिटेन में जमानत पर हैं। फिलहाल विजय माल्या इंग्लैंड में है। जहां से उन्हें वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।
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