Meerut
। सरकारी अस्पतालों में ईएनटी के चिकित्सको की कमी है। जिला अस्पताल में केवल एक ईएनटी सर्जन है। स्वास्थ्य विभाग में ईएनटी सर्जरी की आठ पद खाली हैं। इसी तरह मेडिकल कॉलेज में तीन ईएनटी सर्जन पूरे विभाग में हैं, जो मरीज ऑपरेशन, इलाज कर रहे हैं। इसके अलावा शहर में भी निजी ईएनटी सर्जन कम ही हैं। ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। फंगस के मरीज बढ़ने से जिले के ईएनटी, नेत्र सर्जन पर मरीजों का लोड बढ़ गया है।

जिला अस्पताल में एकमात्र ईएनटी सर्जन हैं। जिनको अभी कोविड को चुका है। यह मरीजों को ऑनलाइन सलाह दे रहे हैं। अस्पताल के नेत्र सर्जन को भी कोरोना हो गया था। यह भी मरीजों को ऑनलाइन परामर्श दे रही हैं। जिला अस्पताल में ईएनटी सर्जन की कमी के चलते मेडिकल में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीज ईएनटी चिकित्सकों की कमी की वजह से परेशानी भुगत रहे हैं। मेडिकल के ईएनटी विभाग में भी डाक्टर की कमी है। जो डाक्टर वह फंगस वार्ड में डयूटी कर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। यहां मरीजों का ऑपरेशन भी किया जा रहा है। मेडिकल में सौ बेड का फंगस का अलग से वार्ड बनाया गया है।

ब्लैक फंगस के चार मरीजों की छुट्टी

मेडिकल के फंगस वार्ड में पिछले कई सप्ताह से भर्ती फंगस के चार मरीजों के ठीक होने पर छुट्टी कर दी गई है। वार्ड में 62 मरीज हैं। इनमें चार मरीज को आईसीयू में रखा गया है। यह मरीज कोविड, शुगर के साथ ब्लैक फंगस की चपेट में हैं। सोमवार को जिन चार मरीजों की छुट्टी हुई। उन्होंने इलाज कर रही डाक्टर की टीम और अस्पताल प्रशासन के बेहतर इलाज की सराहना की है।

ठीक हो रहे मरीज, जा रहे घर

ब्लैक फंगस, कोविड के लगातार मरीज ठीक होकर अपने घर जा रहे हैं। ब्लैक फंगस के वार्ड में अन्य कई मरीज ठीक हो चुके हैं। इनकी जल्द छुट्टी कर दी जाएगी। अस्पतालों में दवाओं, इलाज की कोई कमी नहीं है। फंगस के वार्ड में बेड बढ़ाए गए हैं।
- डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज

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