मेरठ, 2 जून 2021। कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी गिर रहा है। वहीं नयी बीमारी ब्लैक फंगस ने लोगों को परेशान कर दिया है। इस बीमारी के मरीजों का लागातार इजाफा हो रहा है। मेरठ के सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में पिछले दिनों इसके मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि इस बीमारी से सावधानी बरत कर बचा जा सकता है।
  अतिरिक्त निदेशक, परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य डा. राजकुमार का कहना है कि ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमण काल की बीमारी नहीं है। यह दशकों पुरानी बीमारी है। कोरोना संक्रमण काल में यह कोरोना मरीजों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। उन्होंने बताया अगर कुछ सावधानी बरती जाएं तो ब्लैक फंगस ही नहीं अन्य किसी भी प्रकार के फंगस से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया लोग मास्क को कई दिन तक धोते नहीं है। साबुन से हाथ नहीं धोते हैं। ऐसा न करें। कपड़े के मास्क पहन कर बाहर से आने पर तुरंत मास्क को साबुन से धोएं, धूप में सुखाएं और प्रेस करें। सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा इस्तेमाल न करें। एन-95 मास्क को महंगा होने की वजह से लंबे समय तक उपयोग करना पड़े तो रोजाना साबुन के पानी में कई बार डुबोकर धो लें, रगड़े नहीं, फिर साफ पानी से धोकर सुखाएं। बेहतर हो कि नया ही इस्तेमाल करें। ऑक्सीजन लेवल सामान्य है तो अन्य दवाओं के साथ स्टेरॉयड न लें।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस विशेषतौर पर शुगर वाले मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है। यदि मरीज को ऑक्सीजन लगी है तो नया मास्क लगाएं और उसे रोज साफ करके इस्तेमाल करें। साथ ही ऑक्सीजन सिलिंडर या कंस्ट्रेटर में स्टेराइल वाटर डालें और रोज बदलें।  बारिश के मौसम में मरीज को किसी भी नम जगह, बिस्तर या नम कमरे में नहीं रहना चाहिए है। अस्पताल की तरह रोज बिस्तर की चादर और तकिए के कवर को बदलना चाहिए और बाथरूम को नियमित साफ करना चाहिए।


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