सपना 50 सीटों पर जिला पंचायत कब्जाने का 

मेरठ। हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन आशा अनुरूप नहीं रहा। खराब प्रदर्शन की वजह से पार्टी में निराशा है। मगर भारतीय जनता पार्टी का संगठन मजबूत है और बड़ा भी है। जिसकी वजह से आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए पार्टी ने कम से कम 50 जिलों का टारगेट रखा है। मतलब साफ है 50 जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा काबिज होना चाहती है। जिसके लिए संगठन से लेकर योगी सरकार तक पूरा जोर लगाएगी। देखना यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार है तो कितने जिलों पर वह अपना वर्चस्व कायम कर पाती है। पूरब से लेकर पश्चिमी उप्र तक में पार्टी की पंचायत चुनाव में बुरी दुर्गत हुई है। इसको संगठन भी भीतर खाने मान रहा है।
बता दे कि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर लखनऊ में दो दिन पहले रणनीति बनाई है। इस बैठक में केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, संगठन महामंत्री सुनील बंसल के मौजूदगी की भी चर्चा है। बताया जा रहा है कि इस मंथन बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को लेकर गहन मंत्रणा हुई। जिसमें योगी सरकार और संगठन के संयुक्त प्रयास से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी कब्जाने की रणनीति बनाई गई। उम्मीदवारों को चयन को लेकर भी पार्टी का साफ निर्देश है कि आपसे गुटबाजी की वजह से किसी भी गलत उम्मीदवार का नाम सामने ना आए। सभी का नाम जिले के सांसद,विधायक और जिला अध्यक्ष मिलकर आपसी सहमति के बाद तय करेंगे और एक नाम तय कर उसे प्रदेश कार्यकारिणी के पास भेजेंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दो से तीन उम्मीदवार हर जिले में माने जा रहे हैं। ऐसे में बीजेपी ने रणनीति बनाएगी प्रत्याशी तय करने से पहले यह देखना है की संभावित उम्मीदवार के पास कितने सदस्यों का समर्थन है। कौन मजबूती के साथ चुनाव लड़ सकता है क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में काफी पैसा भी खर्च होता है।
 
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी इसलिए भी अहम है क्योंकि अगले साल यूपी विधानसभा के चुनाव होंगे। जिसको लेकर भी अभी से संगठन को अपनी मजबूती हर जिले में दिखानी होगी। बहरहाल यह तो वक्त ही बताएगा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बनाई गई 50 जिलों की रणनीति कितनी सही साबित होती है। भारतीय जनता पार्टी 50 जिलों में अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बना पाएगी या फिर विपक्ष इन सीटों को कब जाने में कामयाब रहेगा।

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