फर्जी दस्तावेज किसने बनाए अहम सबूत तलाश रहे आलाधिकारी 

मेरठ।  वेस्ट यूपीसे पकडे चार रोहिग्या  के  बाद यह साफ हो गया है। वेस्ट यूपी मेंइनकी जडें  इतनी गहरी हो गयी है। इन तक  पहुंचा पुलिस के लिये नाकों चने जैसा साबित होगा। दरअसल हमारे समाज के कुछ सरकारी लोगों के माध्यम से  इनके फर्जी दस्तावेज बन चुके है। ऐसे में इनकी छाटंना पुलिस के लिये काफी सिरदर्दी होगी। 
 बता दें  मेरठ से गिरफ्तार चार रोहिग्याओं से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि राशन कार्ड, पेन कार्ड और आधार कार्ड बनवाकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना उनका लक्ष्य था। इस आधार पर खुफिया एजेंसियों को यह भी आशंका है कि ये घुसपैठिये आगामी चुनाव में फर्जी आईडी प्रुफ से वोट भी डाल सकते हैं।मेरठ से एक दिन पहले गिरफ्तार हुए चारों रोहिंग्या करीब दो साल पहले बांग्लादेश रिफ्यूजी कैंप से निकलकर भारत में दाखिल हुए थे। एटीएस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। चारों खरखौदा क्षेत्र में रहते थे। अब यह गिरोह रोहिंग्याओं को भारत में एंट्री दिलाने, उनके फर्जी दस्तावेज बनवाने, स्थानीय फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने के अलावा सोने.मानव की तस्करी भी करता था।
रोहिंग्या का मानव तस्करी कनेक्शन पहली बार
एडीजी प्रशांत कुमार के अनुसार रोहिंग्या नागरिक लगातार पकड़े जाते रहे हैं। पहली बार ऐसा हुआ है जब मानव तस्करी से इनका कनेक्शन निकला है। मेरठ को ठिकाना बनाए इस गिरोह ने म्यांमार की तीन महिलाओं को देह व्यापार के लिए भारत से फर्जी पासपोर्ट पर मलेशिया भेज दिया। कितनी और महिलाएं इस गैंग के जरिये तस्करी का शिकार हुईं, यह पता लगाया जा रहा है।
स्लॉटर हाउस हैं नौकरी के ठिकाने
मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़ में बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयां और स्लॉटर हाउस हैं। रोहिंग्या इन्हीं फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं ताकि पुलिस की नजरों से बचे रहें। अब तक जितने भी रोहिंग्या पकड़े गए हैं, उनमें ज्यादातर स्लॉटर हाउस में नौकरी करते थे। एक समुदाय के स्लाटर हाऊस होने के कारण इन्हें असाानी से नौकरी मिल जाती है। 
झुग्गी.झोपड़ियों पर सतर्कता बढ़ाई
  मेरठ ,हापुड,मुजफ्फरनगर, सहारपुर, बिजनौर में बडी संख्या झुग्गी-झोपडियो वाली बस्ती है। जहां पर काफी संख्या में  रोहिग्या रहते है। लेकिन यहां के दस्तावेज बनने के कारण इन पर हाथ डालना पुलिस के टेढी खीर साबित हो रहा है। मेरठ से चार रोहिंग्या नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियां चौकन्ना हो गई हैं। सड़क किनारे झुग्गी.झोपड़ियों में रहने वाले लोगों की चेकिंग शुरू कर दी गई है। थाना पुलिस को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। आगामी चुनावों के मद्देनजर खुफिया.सुरक्षा एजेंसियों को सतर्कता बरतने के निर्देश शासन ने दिए हैं।
वेस्ट में हैं 500 से अधिक रोहिंग्या
सरकार की सख्ती हुई है तो रोहिंग्या एकाएक लापता हो गए हैंए लेकिन खुफिया विभाग का दावा है कि वेस्ट में करीब 500 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं। इनमें यह उन इलाकों में अधिक हैंए जहां पर मीट फैक्ट्री हैं। बात सामने आई थीए जिसके बाद पुलिस ने एक.एक कर सबकी जांच की थी।

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