मेरठ।  दुनिया की दुर्लभ बीमारियों में से एक स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी एसएमए टाइप.2 से जूझ रही मेरठ की डेढ़ वर्षीय ईशानी को आखिरकार 22 करोड़ रुपये कीमत का इंजेक्शन लग गया। टीका बनाने वाली स्विटजरलैंड की कंपनी नोवार्टिस ने जोलगेन्समा नामक इंजेक्शन को मुफ्त लगाया है।

मासूम ईशानी मेरठ में ब्रह्मपुरी क्षेत्र के मास्टर कॉलोनी की रहने वाली है। ईशानी जब नौ महीने की थी, तब उसके हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया। 12 जनवरी 2021 को गंगाराम हॉस्पिटल में हुई जांच में उसे एसएमए टाइप.2 की पुष्टि हुई। इसके बाद ईशानी का इलाज एम्स दिल्ली में चला।

इस बीमारी का टीका बनाने वाली कंपनी नोवार्टिस है जो स्विटजरलैंड की है। यह कंपनी हर साल 50 रोगियों को मुफ्त टीका लगाती है। इस टीके की कीमत 16 करोड़ रुपये है जो टैक्स लगाकर 22 करोड़ रुपये का है। कंपनी के लकी ड्रॉ में मेरठ की ईशानी मई में चयनित हो गई। जून के पहले हफ्ते में बच्ची के चयन की जानकारी मिली। तीन से छह महीने तक ऑब्जर्वेशन में रहेगी।

17 जून को एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग में ईशानी को यह इंजेक्शन लगाया गया। बच्ची अब तीन से छह महीने के ऑब्जर्वेशन में रहेगी। डॉक्टरों ने साफ हिदायत दी है कि बच्ची के संपर्क में मां के अलावा कोई अन्य सदस्य न हो। इसलिए परिजन ईशानी को अभी मेरठ लेकर नहीं आए हैं।

बेटी के इलाज को नौकरी छोड़ी, अब साढ़े आठ लाख दूसरे बच्चे को देंगे

ईशानी के पिता अभिषेक दिल्ली की आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। बेटी की देखभाल के चलते उनकी नौकरी छूट गई। उन्होंने इतने महंगे इंजेक्शन के लिए रुपयों का इंतजाम करने को सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाई। क्राउड फंड से करीब साढ़े आठ लाख रुपये इक_ा हुए। अभिषेक का कहना है कि सबकी दुआ से उनकी बेटी को मुफ्त इंजेक्शन लगा है। इसलिए एकत्र हुए साढ़े आठ लाख रुपये वह इस बीमारी से जूझ रहे किसी दूसरे बच्चे की मदद के लिए देंगे।

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