ससुर को मुखाग्नि देने के दो दिन बाद ​पति की चिता को लगाई आग



मेरठ। कोरोना संक्रमण और ऊपर से पंचायत चुनाव की डयूटी। इन दोनों के कारण सैकड़ों हंसते खेलते परिवार तबाह हो गए। पंचायत चुनाव में डयूटी पर गए सैकड़ों कर्मचारियों को कोरोना ने अपना निशाना बनाया। जिससे कई घरों की खुशियों को ग्रहण लगा और उन घर की खुशियां वीरानी में तब्दील हो गई। ऐसे ही एक महिला पूजा रस्तोगी निवासी सैनिक विहार कंकरखेडा की ​जिंदगी में हुआ। दो महीने के भीतर—भीतर पूजा रस्तोगी की जिदंगी में कोरोना और पंचायत चुनाव ऐसा तूफान लाया कि सब कुछ तबाह होकर रह गया। कोरोना संक्रमण काल में पहले पूजा के ससुर राकेश रस्तोगी की कोरोना से मृत्यु हुई उसके ठीक चार दिन बाद ही उसके पति मयंक रस्तोगी की मृत्यु हो गई। चार दिन पहले जिस पूजा ने अपने ससुर को मुखाग्नि दी थी वहीं पूजा आज फिर सूरज कुंड श्मशान घाट पहुंची अपने पति की चिता को आग देने के लिए। उसकी आंखों के आंसू पथरा गए थे। गुमसुम पूजा ने अपने पति की चिता को मुखाग्नि दी। जिसने ने भी ये दृश्य देखा वह अपने आंखों के आंसू नहीं रोक सका।
शिक्षक मयंक रस्तोगी सरकारी शिक्षक हैं। उनकी पंचायत चुनाव में डयूटी लगी थी। डयूटी से आने के बाद उनकी तबियत खराब हुई जांच करवाई तो कोरोना पाजिटिव पाए गए। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। पति के कोरोना पाजिटिव आने के बाद पूजा के ससुर राकेश रस्तोगी भी कोरोना पाजिटिव हो गए। बुजुर्ग होेने के कारण राकेश कोरोना संक्रमण का अधिक दिन तक मुकाबला नहीं कर सके और उनका देहांत 1 जून को हो गया। पूजा रस्तोगी ने ही अपने ससुर को मुखाग्नि दी। पूजा के पति मयंक की हालत खराब हुई तो उनको अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया। 4 जून को पूजा के पति मयंक की भी मृत्यु हो गई। कुदरत का करिश्मा देखिए जिस दिन मयंक की मृत्यु हुई उसी दिन उसका जन्मदिन भी था। पति के जन्मदिन वाले दिन पत्नी ने उसकी चिता को आग लगाई।

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