नई दिल्ली । अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं और रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसेज (RTO) के वेटिंग पीरियड और लंबी कतारों से बचना चाहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री ने अधिकृत ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए रूल्स नोटिफाई कर दिए हैं। इन्हीं मान्यता-प्राप्त सेंटर्स में कैंडीडेट्स को हाई-क्वॉलिटी ड्राइविंग कोर्स उपलब्ध कराया जाएगा। यह टेस्ट क्लीयर करने के बाद कैंडीडेट को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करते समय ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। 
सिम्युलेटर्स और डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक
रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्ट्री का कहना है कि कैंडीडेट्स को हाई-क्वॉलिटी ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए इन ट्रेनिंग सेंटर्स में सिम्युलेटर्स और डेडिकेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक होंगे। नए नियम 1 जुलाई 2021 से लागू होंगे। मिनिस्ट्री ने कहा है कि इन सेंटर्स को इंडस्ट्री-स्पेसिफिक स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग उपलब्ध कराने की भी इजाजत होगी। मिनिस्ट्री का कहना है कि इंडियन रोडवेज सेक्टर में स्किल्ड ड्राइवर्स की कमी एक अहम मुद्दा है और रोड रेगुलेशंस की जानकारी न होने के कारण बड़ी संख्या में एक्सीडेंट होते हैं। 




पांच साल के लिए मान्यता 
अधिकृत ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए मान्यता 5 साल के लिए होगी, जिसे रिन्यू किया जा सकेगा। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अधिकृत ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स में लाइट मोटर व्हीकल ड्राइविंग कोर्स की अवधि कोर्स शुरू होने की तारीख से 4 हफ्ते में अधिकतम 29 घंटे है। यह कोर्स थ्योरी और प्रैक्टिकल में बंटा होगा। वहीं, मीडियम एंड हेवी मोटर व्हीकल ड्राइविंग कोर्स की अवधि छह हफ्ते में 38 घंटे होगी। यह कोर्स भी थ्योरी और प्रैक्टिकल में बंटा होगा। 

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