जीएसटी में छूट लिए कमिश्नर को भेजा ज्ञापन
 


मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष सुबोध गुप्ता की अध्यक्षता में तथा महामंत्री विपुल सिंघल के नेतृत्व में कोरोना महामारी के चलते व्यापार को गति देने तथा दिवंगत व्यापारियों के परिवार की आर्थिक सहायता हेतु सुझाव का ज्ञापन कमिश्नर वाणिज्य कर,उ०प्र०, लखनऊ के नाम सम्पूर्ण नन्द पाण्डेय, एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1, वाणिज्य कर,  मेरठ ज़ोन को दिया।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश 24 मार्च 2020 से कोरोना महामारी की चपेट में आया हुआ है। पिछले साल काफी लंबे समय तक लॉकडाउन रहा और उसके बाद लगभग सभी व्यापार लॉकडाउन खुलने के उपरांत भी नहीं चल पाए। सरकार की पाबंदियों के कारण प्रदेश में व्यवसाइयों पर सबसे ज्यादा आय पर फर्क पड़ा। सभी व्यवसाय पिछले वर्ष से अब तक नहीं उभर पाए हैं। अधिकांश सभी व्यवसाइयों के यहां कार्य कर रहे लोगों की तनख्वाह देने के लिए भी उपयुक्त व्यवस्था नहीं हैं। इस वर्ष कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने व्यापारियों को बिल्कुल चौपट कर दिया है। व्यापारी प्रदेश व देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है तथा अपने द्वारा चलाए जा रहे व्यवसाय से लोगों को रोजगार देने का काम भी करता है।  प्रदेश के सभी पंजीकृत व्यापारी वर्षों से निरंतर विभाग से बिना कमीशन अथवा चार्ज लिए आपके द्वारा तय की गई कर की दरों पर जनता से कर वसूली एकत्रित करके सरकारी कोष में जमा कर सरकार को मजबूत करता आ रहा है। पिछले 1 साल से सुस्त पड़े व्यापार को पुनः गति देने हेतु तथा अपने पैरों पर मजबूती से खड़े करने के लिए संस्था सदस्य निम्न बिन्दुओं को रखांकित कर आपके द्वारा व्यापारियों को राहत प्रदान किये जाने की अपेक्षा की।
जीएसटी लागू होने की दिनांक 01.07.2017 से 31.03.2021 तक व्यापारी द्वारा विभाग में जमा किये गए कर में से कम से कम 20% धनराशी सभी पंजीकृत  व्यापारियों को सहायता राशि के रूप में वापस किये जाने की अपेक्षा की गयी है।
इसके साथ ही जीएसटी लागू होने की दिनांक 01.07.2017 से 31.03.2021 तक के सभी व्यापारियों के केस के एसेसमेंट में किसी भी प्रकार का दंड अथवा पेनल्टी विभाग द्वारा न लगाई जाए, अपितु व्यापारी से वार्ता कर सहयोग प्रदान करते हुए उन त्रुटियों को दूर करने की अपेक्षा की गई है। जीएसटी लागू होने के बाद से अकाउंटेंट एवं वकील का अत्यधिक भार व्यापारी पर आ गया है जिसको कोरोना महामारी के चलते वहन करना मुश्किल हो गया है। अत: विभाग द्वारा एक समूह सरकार द्वारा अकाउंटेंट एवं वकीलों का बनाया जाए जो उन व्यापारियों का कार्य निशुल्क करें। पंजीकृत व्यापारी की कोरोना महामारी के दौरान मृत्यु होने पर उनके स्वजनों को वाणिज्य कर विभाग द्वारा त्वरित दस लाख रुपए की सहायता धनराशि दिए जाने की अपेक्षा की गई है। सचल दस्ते के द्वारा सड़को पर चलाए जा रहे चेकिंग अभियान को  त्वरित आदेश कर हटाया जाए ताकि व्यापारियों का उनके द्वारा उत्पीड़न न हो। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष सुबोध गुप्ता, महामंत्री विपुल सिंघल, प्रदेश संयुक्त महामंत्री सोनम वर्मा, महानगर अध्यक्ष सुनील गुप्ता, अपार मेहरा, नवीन अग्रवाल, रेखा गुप्ता, अंकित गुप्ता, बबीता गुप्ता, हेमा गौड़, रितिका गुप्ता, गौरव गुप्ता, जगपाल सिंह बौद्ध, विनीत बिश्नोई ,वीरपाल सिंह , मनोज गुप्ता, विकास गोयल आदि मौजूद रहे।

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