NewDelhi ।पति को जलील करने व पीठ पीछे उसकी बुराइयों को बढ़ा चढ़ा कर कहने के रोग से कई महिलाएं त्रस्त हैं जो स्वयं को तो बहुत ही अच्छी व
समझदार गृहणी के रूप में प्रस्तुत करती हैं हालांकि बुराई व कमजोरी किस पति-पत्नी में नहीं होती। प्रत्येक को किसी न किसी से किसी भी बात पर गिला शिकवा तो बना ही रहता है। बहुत कम ऐसे दंपति देखने को मिलेंगे, जो उच्च आदर्शों के साथ अपना दांपत्य बिताते हैं।
यह माना कि विवाह के बाद अगर पत्नी को अपने पति की कुछ आदतें जैसे ड्रिंक करना, ऑफिस में अपनी महिला मित्र से रोमांस करना, देर रात गये क्लबों से लौटना, आलसी होना, पत्नी की अनुपस्थिति में गैर औरतों को घर बुलाना आदि-आदि नापसंद हो सकती हैं और  औरत का नाराज होना भी स्वाभाविक है। कई दफा पत्नी ये सब हरकतें अपने मायके जाकर माता-पिता व भाइयों से भी कहती हैं और जब कभी उनके पति, पत्नी को लेने ससुराल पहुंचते हैं तो उन्हें वहां सास-ससुर की खरी खोटी सुनने को मिलती है।
ऐसी स्थिति में पति का गुस्सा भी सातवें आसमान पर होता है और वह बिना पत्नी के ही लौट जाता है। यदि पत्नी साथ आ भी जाती है तो सिवाय गृह कलह के और कुछ नहीं होता।
पति-पत्नी के बीच क्लेश बड़ी आसानी  से मुसीबतों को बुलावा देने वाला होता है व दांपत्य की गाड़ी आगे बढऩे में अवरोध ही उत्पन्न करती है। ऐसी प्रवृत्ति के बाद जब पति-पत्नी आपस में खुलने लगते हैं, तभी धीरे-धीरे एक दूसरे की आदतों का परिचय होने लगता है।
एक समझदार पत्नी का कर्तव्य बनता है कि वह धैर्य से काम ले व संयम बरते। कहने का आशय यह कदापि नहीं कि आप पति का हर कुकृत्य व गंदी आदतों को अनदेखा कर के उसके साथ गुलामी की जिंदगी जिएं।
कई बार यह देखने में भी आता है कि सुखद दांपत्य जी रहे घरों में आग लगाने का कार्य आपके पड़ौसी व मुहल्ले के ही लोग करते हैं ताकि पति-पत्नी में दरार बढ़ती रहे। एक विवेकशील पत्नी का यह दायित्व बनता है कि वह लोगों की सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान न दे। जब तक आंख से न देख लें, तब तक पति से ऐसा व्यवहार कदापि न करें कि उसे गहराई तक ठेस पहुंचे।
ऐसा भी न हो कि आप पति पर धोखेबाज, बेशर्म, व्यभिचारी का आरोप लगा कर अपने माता-पिता के घर जाकर बैठ जायें।
कई मर्तबा पत्नी द्वारा पति पर लगाये गये तमाम लांछन गलत भी साबित होते हैं और आप बेवजह उन्हें हरेक की नजरों में गिराने की कोशिश करती रहें लेकिन जब सच्चाई सामने आये और सभी आरोप बेबुनियाद साबित हो जायें, तब आपकी स्थिति पति की नजरों में कितनी खराब हो जाती है और फिर आपको मायके से लौटकर पति के ही संग रहना पड़े, तब फिर  इस जग हंसाई का क्या औचित्य रह जाता है।
यह सच है कि आपके पति में लाख बुराइयां हैं पर यकीन मानिए कोई दूसरा आपके पति को हरगिज नहीं सुधार सकता। यदि दिन-रात पति की आलोचना करने के पश्चात् भी आप पति के ही पास रहती हैं तो निश्चित ही तमाम लोग आप द्वारा झूठ-मूठ पति के विरूद्ध उड़ायी गयी बातों को घुमा-फिरा कर आप का ही न केवल मजाक उड़ायेंगे बल्कि वे आप से यह सोच कर दूरी भी बना लेंगे कि आप तो पति को बदनाम करने वाली हैं।
याद रखें, समाज में सच्ची सहानुभूति रखने वाले हितैषी कम ही होते हैं। अगर आपको लगता है कि पति आप पर मात्र बोझ बनते जा रहे हैं तो अपने दिल की बात हरेक किसी को न कहें, अपितु किसी समझदार व विश्वस्त व्यक्ति को ही बतायें जो आपकी परेशानी को दूर कर पति का सही मार्गदर्शन कर सके व आपके दांपत्य में फिर से खुशहाली भर जाये।

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