मेरठ।आल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एन्ड ड्रगिस्ट्स के आहवान पर व्यापारियों लॉकडाउन में शामिल होने को तैयार है। इसे लेकर विचार-विमर्श किया गया कहा कि यदि उनकी मांग सरकार पूरी नहीं करेगी तो वह लॉकडाउन में शामिल हो जाएंगे। संस्था के अध्यक्ष जेएस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने बताया कि देश का प्रत्येक केमिस्ट तमाम खतरों के बाबजूद भी देश की पीड़ित मानवता कि सेवा दवा की निरंतर उपलब्धता करवा रहें है। समस्त दवा विक्रेताओं का महत्त्व डॉक्टर, नर्स हॉस्पिटल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों से कोई कम नहीं आंका जा सकता। क्योकि वह तमाम लॉकडाउन और अनेक प्रतिबंधों के बाबजूद भी सभी प्रकार के खतरों से रूबरू होते हुए मैदान में डटे हुए है। रजनीश कौशल ने कहा कि सरकार ने अनेकानेक ज्ञापनों के बाबजूद भी न तो आज तक दवा विक्रेताओं और फार्मासिस्टों को कोविड वारियर घोषित किया है और न ही उन्हें वेक्सीनेशन में प्राथिमकता प्रदान की गई है। जबकि गत वर्ष से आज तक देश में लगभग 650 से अधिक दवा विक्रेता पीड़ित मानवता की सेवा करते करते कोविड का शिकार बनकर शहीद भी हो गए है। सरकार के दवा विक्रेताओं के प्रति नकारात्मक रवैये से देश के सभी दवा व्यापारियों में भारी रोष है। दवा विक्रेता/ फार्मासिस्ट और उनका स्टाफ सदैव ही मरीज एवं उनके परिजनों के दवा देते समय संपर्क में रहते है। उस खतरे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सरकार से मांग की है कि इन खतरों के बाद भी 18 वर्ष के ऊपर के सभी दवा विक्रेता, फार्मासिस्ट और स्टाफ के सदस्यों को कोविड वारियर घोषित कर उनका वैक्सीनेशन तुरंत प्रारम्भ किया जाए। अन्यथा दवा विक्रेता लॉक डाउन में अन्य व्यापारियों के साथ साथ शामिल होने को मजबूर होंगे।
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