नई दिल्ली । कोरोना वायरस से बचाव का फिलहाल दुनियाभर में एक ही हथियार है, टीकाकरण। हालांकि, कुछ अफवाहों ने लोगों के मन में यह भी आशंका भर दी है कि वैक्सीन लेने से पुरुष नपुंसक हो रहे हैं। लेकिन यह एक भ्रांति से ज्यादा और कुछ नहीं।
इस बीच एक नई स्टडी आई है जिसमें दावा किया गया है कि वैक्सीन लेने से नहीं बल्कि कोरोना संक्रमित होने से पुरुषों में नपुंसकता आ सकती है। 'वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेन्स हेल्थ' में छपे अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कोरोना से संक्रमित हुए और संक्रमित न होने वाले पुरुषों के ऊतकों यानी टिशू में अंतर को विस्तार से बताया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोरोना वायरस शरीर में रक्त वाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं और पुरुषों का प्राइवेट पार्ट भी इसमें शामिल है। यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी मिलर स्कूल ऑफ मेडिसिन के रिप्रोडक्टिव यूरोलॉजी प्रोग्राम के एसोसिएट प्रोफेसर और डायरेक्टर ने इस अध्ययन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रतिकूल प्रभावों में से एक नपुंसकता भी हो सकती है। यह अध्ययन उन लोगों पर किया गया जो 6 या 8 महीने पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे। इनमें से किसी को भी पहले से ऐसी समस्या नहीं थी । दो कोरोना संक्रमित हुए पुरुषों के प्राइवेट पार्ट के टिशू में वायरस के अवशेष भी देखे गए। स्टडी में शामिल रहे डॉक्टर रंजीत रामासामी कहते हैं, 'हमारे पायलट स्टडी में हमने पाया है कि जिन पुरुषों को कभी भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या नहीं थी, उनमें कोरोना संक्रमित होने के बाद ऐसी समस्या हुई है। हमारी स्टडी से पता लगता है कि कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों और किडनी ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी निष्क्रिय बना सकता है।


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