नई दिल्ली । वैक्सीन की कमी पर आलोचना झेल रही केंद्र सरकार के मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगर देश में वैक्सीन की कमी हो रही है तो और कंपनियों को इसे बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। इसके अलावा लाइफ सेविंग ड्रग को भी और कंपनियों को बनाने का लाइसेंस दिया जाना चाहिए। उन्होंने ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई सैकड़ों मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश में अंतिम संस्कार का बेहतर प्रबंधन किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यदि टीके की आपूर्ति के मुकाबले उसकी मांग अधिक होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी। इसलिए कई और कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिए। इसके लिए टीके के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिए। नितिन गडकरी ने कहा कि अगर ज्यादा कंपनियों को वैक्सीन बनाने में लगाया जाए तो हमारे देश की मांग पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक बार जब देश में मांग की पूर्ति हो जाए और उत्पादन सरप्लस हो तब ही विदेश में निर्यात किया जा सकता है। गडकरी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि देश के हर राज्य में दो-तीन लेबोरेटरी हैं। उन्हें वैक्सीन बनाने दिया जाए। सिर्फ सेवा के मकसद से नहीं बल्कि 10 प्रतिशत रॉयल्टी के आधार पर। उन्होंने कहा कि यह काम 15-20 दिनों के अंदर हो सकता है। पिछले गुरुवार को सरकार ने वैक्सीन प्रबंधन के बारे में कहा था कि मई में देश के लोगों के लिए 7.30 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध हैं। इनमें से 1.27 करोड़ डोज सीधे राज्य सरकार खरीद रही हैं जबकि 80 लाख डोज निजी अस्पतालों द्वारा खरीदा जा रहा है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री और शहरी आवास मंत्री से अनुरोध करेंगे कि कोरोना से हुई मौत के बाद मृतक के अंतिम संस्कार का उचित प्रबंधन हो। उन्होंने कहा कि दाह संस्कार में डीजल, इथेनॉल, बायोगैस और बिजली का इस्तेमाल कर कम खर्च किया जा सकता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में कई शवों के गंगा में प्रवाहित होने के बाद देश में अंतिम संस्कार को लेकर कई सवाल उठे थे। 

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