बिना कानूनी कारवाई के बगैर गोद लिये गये बच्चों की होगी निगरानी
मेरठ । कोरोना काल में अपने माता पिता को खो चुके बच्चो को घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार उनके साथ खडी है। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद जिले का टीबी विभाग ऐसे बच्चों को गोद लेगा जिन्होने कोरोना काल में अपने पिता व मा को खो दिया है।
जिला क्षय अधिकारी डा गुशलन राय व जिला समन्वयक अधिकारी नेहा त्यागी ने बताया कोविड काल में जिन बच्चों ने माता पिता का खो दिया है। उन्हेें विभाग गोद लेगा। ऐसे बच्चों को बाल गृह मेंरखा जाएगा। जहां पर उन्हें सरकार के आदेश के बाद निशुल्क भोजन, दवाएं, चिकित्सा ,हर संभव भावनात्मक सहयोग और उनकी प्रति दिन की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगे। जिन रिश्तेदारो ने ऐसे बच्चों को गोद लिया है। ऐसे बच्चों की विभाग की ओर से निगरानी की जाएगी। उनकी देखभाल सही की जा रही है। उन्हें वहां पर रहते हुए कोई परेशानी तो नहीं हो रहे है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से किशोर न्याय अधिनियम -2015 में दी गयी प्रक्रियाओं को पूरा किये बिना गोद देने की पेशकश करना काननून अपराध है। ऐसा करने वालों को तीन साल की सजा या एक लाख रूपये जुर्माना या फिर दोनो हो सकती है।
उन्होंने बताया बच्चों को कानूनी रूप से गोद लेने के लिये www.cara.nic.inपर सम्पर्क करें।
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