हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर ठोंका जुर्माना


नई दिल्ली। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा का काम निरंतर आगे भी जारी रहेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ता आन्या मल्होत्रा की मंशा पर सवाल उठाते हुए सेंट्रल विस्टा का काम रोकने की याचिका खारिज कर दी और इसके साथ 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में जोर देकर कहा गया था कि कोरोना वायरस के इस दौर में किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। याचिका में यह भी कहा गया था कि एक परियोजना की वजह से कई लोगों की जान खतरे में आ रही है।
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है।

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