केन्द्रिय सचिव के आदेश में अस्पताल ने मरीज को एक लाख से अधिक किया कम 

 

मेरठ। कोरोना काल में कुछ अस्पताल मानवीय भूल कर अनाप शनाप  पैसा बटोरने में लगे है। उनकी तरह से मरीज की मौत हा कुछ ओर उन्हें तो बस पैसा बनाने से मतलब है। लेकिन कहते है ऐसे काले कारमानों को रोकने के लिये देश में चौथा स्तम्भ खडा है। कोरोना काल में संक्रमित मरीजों की सहायता के लिये निस्वार्थ सेवा भाव बनाये गये मेरठ क ोविड सहायता गु्रप खडा किया गया है। इसी गु्रप में जुडे एक पत्रकार द्वारा टिवीटर पर किये गये टिवीट से मेरठ में लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती जिसका निधन हो गया है। मृतक केपरिजनों का1 लाख34 हजार रूपये कम कराया। इतना ही नहीं इस मामले में अस्पताल पर जांच अलग से बैठ गयी है। इससे पता चलता है केन्द्रीय सरकार कितनी गंभीर कोरोना के मामले में है। 
 दरअसल पंाडवनगर निवासी राजेश भाटिया को कोरोना से संक्रमित होने के बाद 9 मई को गढ़ रोड स्थित लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनकी बुधवार को निधन हो गया। वह वेटिंलेटर पर थे। परिजनों की मानें तो ज्यादातर दवाइयां बाहर से लेकर आये इसके  बाद भी इसके बाद भी उन दवाइयों को बिल एक लाख जोडा गया।परिजनों ने बिल कम कराने के लिये आधाधिकारियों से गुहार लगायी लेकिन मजबूरी में गृहमंत्रालय के सचिव संजीव गुप्ता को टिवीट किया। जिस पर इस ग्रुप से जुडे व एक चैनल से जुड पत्रकार आशीष माहेश्वरी ने सचिव को रिटवीट किया। जिस पर उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए  मेरठ के जिलाधिकारी के बालाजी को दिशा निेर्देश दिये। फिर क्या था। मामला केन्द्र पर पहुुंचने के बाद आला अमला लोकप्रिय पहुंचे। जहां उन्होने अपने  हिसाब से पडताल कर मृतक के उपचार खर्च में  जबरन जोडे गये 1 लाख34हजार रूपये कम कराये। अस्पताल के खिलाफ जांच अलग से बैठ गयी है। आप इसी से अंदाज लगा सकते है। जिले में कोविड के नाम पर अस्पताल किस प्रकार की लूट खसोट कर रहे है । ऐसे लूट खसोट केा उजागर करने की आवश्यकता है। 
 

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