कई बार बने टकराव के आसार
करीब 670 करोड़ का बजट बगैर चर्चा के पास, कई टैक्स थोपे गए
मेरठ। नगर निगम बोर्ड की गुरूवार को हुई बैठक में महानगर के विकास के मुददों के चर्चा के बजाए सदन में बार-बार टकराव के आसार बने। विकास को लेकर सदन कितना संजीदा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 670.94 करोड़ से ज्यादा का बजट बगैर चर्चा के हाथ उठाकर पास कर दिया गया। किस वार्ड में कितना धन विकास पर खर्च होगा। ऐसी कौन-कौन सी समस्याएं हैं जिनको प्राथमिकता से लेकर उन पर खर्च की जरूरत है, ऐसे तमाम बिंदुओं पर चर्चा के बजाए लंबी चली निगम की बैठक में पार्षदों के बीच ही टकराव की नौबत नहीं आयी बल्कि कई बार ऐसे भी हालात आए जब सदन में पार्षद निगम के अधिकारियों पर हमलावर थे। हालांकि ऐसे हालात के लिए पार्षद नहीं बल्कि अधिकारियों की अपनी कारगुजारियां ज्यादा नजर आयीं। जनता से जुड़ी समस्याओं को लेकर कारगुजारियां दिखाने पर पार्षदों ने अधिकारियों की पोल खोलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। नगरायुक्त को क्लीनचिट देते हुए अधिकारियों पर सिर्फ और सिर्फ पैसा बनाने जैसे गंभीर आरोप लगाए।
सदन की बैठक ठीक 11 बजे शुरू हो गयी। जिन पार्षदों का निधन हो गया है उन्हें श्रद्धांजलि व वंदेमातरम के बाद सदन शुरू हुआ। पारी की शुरूआत पार्षद अब्दुल गफ्फार ने की। वो चाहते थे कि विकास पर चर्चा की जाए। साथ ही आशंका जतायी कि कही विकास के नाम पर सारी राशि गावड़ी या फिर लोहिया नगर सरीखे प्लांट पर ही न खर्च कर दी जाए। उन्होंने महानगर के पार्कों की दुर्दशा पर सवाल उठाया। इस पर नगरायुक्त ने हालात सुधारने की बात कही।
100 करोड़ कमाने को नए थोपे जाएंगे नए टैक्स
नगर निगम को 100 करोड़ की आमदनी के लिए वाहनों को अलग-अलग कटैगरी में डालकर उनसे टैक्स वसूली का प्रस्ताव आया। ज्यादातर पार्षद इसके समर्थन में नजर आए। कोरोना संक्रमण काल में पहले से ही काम धंधा छिन जाने से परेशान लोग निगम का नया टैक्स कैसे दे सकेंगे, इस पर किसी ने मुंह खोलने की जरूरत नहीं समझी।
नाम परिवर्तन शुल्क में साथ-साथ, फिर भी भिड़त
सदन में नाम परिवर्तन शुल्क का मुददे पर सभी पार्षद एक राय थे, लेकिन फिर भी पार्षदों के बीच सबसे ज्यादा टकराव इसी मुददे को लेकर हुआ। मुददा भाजपा के राजेश रूहेला ने उठाया था। इसको लेकर नेता पार्षद दल विपिन जिंदल पहले ही एक पत्र नगरायुक्त को दे चुके थे। इस मुददे पर राजेश रूहेला व महापौर के बीच तीखी झड़प भी हो गयी थी। कांग्रेस के कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रंजन शर्मा प्रभाकर ने मामले को शांत करने की पहल की। उन्होंने कहा कि यदि यह सदन में किसी भ्रांति के चलते पास हो गया है तो इसमें की गयी वृद्धि वापस ली जाती है। इस मुददे पर जमकर तकरार हुई।
खतरनाक बंदरों व कुत्तों से अभी मुक्ति नहीं
महानगर के आवारा कुत्तों के आतंक का मसला जोरशोर से उठाया। भाजपा के ललित नागदेव ने इसको उठाया। इसके समर्थन में पूरे सदन के पार्षदों उनके साथ आ गए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि एबीसी कार्यक्रम के तहत एंटी रेवीज लगाए जाते हैं। जहां तक कुत्तों के पकड़ने की बात है उन्होंने इसको लेकर बने कई कानूनों का हवाला दे डाला। साथ ही बताया कि शंकर नगर में एक आपरेशन थियेटर निर्माणाधीन है। कई कमरे भी बनवाए जा रहे हैं। वहां आवारा कुत्तों की नसबंदी की जाएगी ताकि इनकी संख्या पर नियंत्रण किया जा सके। इस पार्षदों का कहना था कि जिला पशु चिकित्सालय सूरजकुंड में आपरेशन थियेटर है। आवारा कुत्तों की नसबंदी में उसका प्रयोग कर लिया जाए ताकि शहरवासियों को राहत मिल सके। नगरायुक्त ने बताया कि नसबंदी के लिए टैंडर हो चुका है। बंदरों के बारे में बताया गया कि वन विभाग ने पचास बंदर पकड़ने की अनुमति दी है। हालांकि करीब डेढ़ सौ पकड़ लिए गए हैं।
हाउस टैक्स के ब्योरे पर बंगले झांकने लगे अधिकारी
पार्षद धर्मवीर ने हाउस टैक्स का मसला उठाया। उन्होंने पूछा कि बताया जाए कि कुल मितने मकानों पर हाउस टैक्स है। इसमें कितने आवासीय व कितने भवन व्यवसायिक हैं। करीब 2.49 भवनों की जानकारी दी गयी। लेकिन अलग अलग ब्योरा नहीं दिया जा सका।
इन प्रस्तावों पर भी बनी सहमति: निगम पार्षद अब्दुल गफ्फार की ओर से रखे गए चार प्रस्तावों पर सदन में सहमति नजर आयी। उन्होंने ये प्रस्ताव रखे।
-नाले नालियों पर पक्के निर्माण करने वालों पर एक हजार प्रतिमाह जुर्माना।
-डेयरियों का गोबर नाले नालियों में बहाने पर पांच हजार प्रतिमाह जुर्माना।
-सड़क किनारे खडेÞ होने वाले छोटे वाहनों से प्रति दिन 500 रूपए का जुर्माना।
-सड़क किनारे खुले में मलवा डालने वालों पर प्रति दिन एक हजार रूपए जुर्माना
डेयरियों पर गंभीर कार्यकारिणी उपाध्यक्ष
कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रंजन शर्मा ने डेयरियों की समस्या को गंभीरता से उठाया। उन्होंने बताया कि 90 वार्ड में अवैध डेयरियां चल रही हैं। पानी का दोहन हो रहा है। सभी डेयरियों में सब सर्मिबल पंप बंद कराए जाएं। इसका पूरे सदन ने समर्थन किया। इसके अलावा रोड कटिंग के नाम पर गेल कंपनी की गड़बडियों पर भी ध्यान दिलाया। गृहकर परिवर्तन शुल्क वापसी व नौचंदी मैदान में साप्ताहिक पैठ के आयोजन से लोगों को रोजगार व निगम को आय के स्रोत की बात कही।
डिवाइडरों पर लगे तिरंगा लाइट
पार्षद इकरामुददीन वालियान ने महानगर के प्रमुख मार्ग पर डिवाइडरों पर तिरंगा लाइटें लगाने का प्रस्ताव रखा। इससे खूबसूरती बढ़ने के साथ ही स्मार्ट सिटी की ओर एक ओर कदम माना जाएगा।
इंदौर की तर्ज पर पॉयलेट प्रोजेक्ट
नगरायुक्त मनीश बंसल की ओर से इंदौर जैसे शहरों में पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में दस वार्ड में डोर टू डोर कूडा कलेक्शन कराने का प्रस्ताव दिया। कूडा प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने व बोर्ड फंड से तीस लाख प्रति नग सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालय निर्माण तथा गाड़ियों में कम पड़ रहे 50 ड्राइवरों की आउट सोर्स से भर्ती किए जाने सरीखे प्रस्ताव दिए गए।
ये रहे मौजूद
सदन में उपस्थितों में महापौर सुनीता वर्मा, नगरायुक्त मनीश बंसल, सहायक नगरायुक्त ब्रजपाल सिंह व अपर नगरायुक्त श्रद्धा शांडिल्य, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेन्द्र सिंह के अलावा कार्यकारिणी उपाध्यक्ष रंजन शर्मा प्रभाकर, नेता पार्षद दल भाजपा विपिन सिंहल, ललित नागदेव, महेन्द्र भारती, अब्दुल गफ्फार, कुंवर इकरामुदीन वालियान, धर्मवीर, सुनीता प्रजापति आदि बड़ी संख्या में पार्षद मौजूद थे।
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