अवर अभियंता ने अपनी जांच में कर्मचारियों को ठहराया दोषी, फिर भी डिस्कनेक्शन नहीं हो रहे मीटर
-एक साल बाद लाखों का नोटिस देखकर सर्राफ की उड़ी नींद, शिकायत के बाद भी नहीं हो रहा निस्तारण
मेरठ। विद्युत विभाग के कारनामें आए दिन सामने आते रहते हैं, लेकिन इस बार लापरवाही का जो मामला प्रकाश में आया है, वह सबसे अलग है। कर्मचारियों ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सर्राफ की आईडी का गलत प्रयोग करते हुए उनके घरों पर बिजली के मीटर लगा दिए। एक साल पहले लाखों का बिल जब घर आया तो इसकी छानबीन सर्राफ ने शुरू की। इस मामले की शिकायत विद्युत अधिकारियों से की गई, लेकिन इसका निस्तारण आज तक नहीं हुआ। मामला ऊर्जा मंत्री के संज्ञान में डाला गया, तब जाकर विभाग हरकत में आया। एसडीओ खेकड़ा ने इस लापरवाही को गंभीर माना और तत्काल शिकायत का निस्तारण करने के निर्देश दिए। अवर अभियंता ने अपनी जांच में कर्मचारियों को दोषी ठहराया है।
दरअस्ल, पूरा मामला बागपत के गांव पांची से जुड़ा है। सर्राफ रियासत पुत्र मेहरबान का कहना है कि उसने अपनी दुकान के लिए व्यवसायिक विद्युत मीटर लगवाया था, जिसकी संयोजन संख्या 711903135631 है तथा आईडी 162167430018 है। व्यापारिक कनेक्शन होने के बावजूद उसका मासिक 500 से 600 रुपये आता है। जिसे वह हर माह जमा कराता आ रहा है। बताया कि एक साल पहले यानि मार्च 2020 में दो बिल उसके घर आए, लाखों का बकाया दिखाकर तत्काल बिल जमा करने के लिए कहा गया। एक बिल जो मोहम्मद रियासत के नाम पर था उस पर कनेक्शन संख्या 712100251434 व दूसरे बिल पर जो रियासत के नाम पर था उस कनेक्शन संख्या 712100304295 दिखायी गई है। इसकी जांच करने के लिए वह खेकड़ा स्थित बिजलीघर पर गया, तो बताया गया कि 10 अक्टूबर 2018 को दोनों मीटर चालू हुए और दोनों की मीटर व्यवसायिक है। इस संबंध में एसडीओ से शिकायत की गई, लिखित में भी दिया गया कि दोनों मीटर उनके यहां नहीं लगे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब से अब तक वह विभाग के कई चक्कर काट चुका, मगर समस्या का हल नहीं हुआ।
मीटर खोजना विभाग के लिए बड़ी चुनौती
सुनवाई न होने पर सर्राफ रियासत ने ऊर्जा मंत्री को ट्वीट किया। पीवीवीएनएल कस्टूमर केयर पर भी शिकायत की। ऊर्जा मंत्री ने समस्या को गंभीर माना और तत्काल पीवीवीएनएल बागपत को संज्ञान लेने के निर्देश दिए। एसडीओ खेकड़ा ने इस मामले की जांच के आदेश अवर अभियंता को दिए। अवर अभियंता ने अपनी जांच में कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। अब सर्राफ का कहना है कि अवर अभियंता की जांच में यह साबित हो गया कि उसकी आईडी का प्रयोग गलत तरीके से हुआ, फिर क्यों उन मीटरों को डिस्कनेक्शन नहीं किया जा रहा।
इस तरह किया गया आईडी का प्रयोग
सर्राफ ने अपनी दुकान पर व्यवसायिक कनेक्शन लगवाने के लिए आईडी में जिन डेक्यूमेंटस का प्रयोग किया, उन्हीं डेक्यूमेंटस को विद्युत कर्मचारियों ने प्रयोग किया। कर्मचारियों ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सर्राफ की आईडी का प्रयोग किया और उनके घरों पर विद्युत मीटर लगा दिए। तभी से उन घरों में बिन बिल दिए बिजली का उपयोग हो रहा है। एक साल तक जब बिजली बिल जमा नहीं हुआ तो नोटिस सर्राफ के घर पहुंचा। तब जाकर सर्राफ को पूरे खेल की जानकारी हुई। अब चूंकि विभाग की जानकारी में भी पूरा मामला आ चुका है, लेकिन फिर भी विभाग द्वारा दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही।
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