होम आइसोलेशन के कारण घरों में बढ़ी छोटे सिलेन्डरों की मांग



मेरठ, 16 अप्रैल 2021 । कोरोना प्रभावितों की सांसों की डोर को थामे रखने के लिए जिले में ऑक्सीजन की मांग चार गुना तक बढ़ गई है। जिले में तीन मेडिकल कॉलेज हैं, इनके पास अपना ऑक्सीजन प्लांट है। इससे कोविड, नॉन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए जिले में आठ सप्लायर हैं। इनके पास पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर और ऑक्सीजन उपलब्ध है।
कोरोना का प्रभाव कम होने पर पिछले महीने से जिले में ऑक्सीजन की डिमांड करीब 10 से 15 टन थी। अब ऑक्सीजन की डिमांड बढ़कर 60 टन के करीब पहुंच गई है। मोदीनगर में ऑक्सीजन प्लांट लगने के बाद जिले में ऑक्सीजन की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है। मोदीनगर प्लांट के तैयार होने से एनसीआर के अन्य शहरों में सप्लाई की जा रही है।

जल्द ही जिले में लगेंगी दो ऑक्सीजन यूनिट
ड्रग विभाग के पास दो ऑक्सीजन यूनिट लगाने के लिए आवेदन आए थे। इन आवेदनों को अनुमति देकर विभाग के मुख्यालय पर भेज दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य का कहना है जल्द ही इन दोनों आवेदनों पर मुहर लग जाएगी। इसके बनने से ऑक्सीजन की उपलब्धता और बढ़ जाएगी।
छोटे सिलेंडर उपलब्ध
छोटे और जम्बो सिलेंडरों की संख्या बढ़ गई है। बड़े जम्बो सिलेंडर में सात क्यूबिक मीटर और छोटे में 1.5 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन आती है। मेडिकल एसआईसी डॉ. धीरज राज ने बताया कि हमारे पास बड़ी क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट है। इसी से पूरे अस्पताल में सप्लाई की जा रही है।
जिले में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग ऑक्सीजन पर
मेडिकल के कोविड अस्पताल में 72 लोग ऑक्सीजन पर है। इसके अलावा अन्य निजी मेडिकल कॉलेज, निजी कोविड अस्पताल में प्रभावित ऑक्सीजन पर हैं। इन अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग तीन से चार गुना बढ़ गई है।
छोटे सिलेंडरों की घरों में खपत बढ़ी
होम आइसोलेशन में रहने वाले लोग एहतियात के तौर पर ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर रख रहे हैं। मेडिकल स्टोरों से बड़ी संख्या में लोग सिलेंडर किराए पर खरीद रहे हैं।

“ऑक्सीजन की जिले में कोई कमी नहीं है। ऑक्सीजन सप्लायरों के साथ बैठक कर ऑक्सीजन की उपलब्धता की जानकारी ली है। पहले 10 से 15 टन की खपत थी अब बढ़कर यह 60 टन के करीब पहुंच गई है।”
 
पवन शाक्य, ड्रग इंस्पेक्टर


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