...डीएम साहब आज तो गेट बंद है!
- वकीलों जिलाधिकारी को दी चेतावनी
- कचहरी में आज रहेगी वकीलों की तालाबंदी


मेरठ। केन्द्रीय संघर्ष समिति के आह्वान पर गुरुवार को कचहरी में पूर्ण तालाबंदी रहेगी। इसकी जानकारी वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के.बालाजी को भी दी। वकीलों ने कहा कि जिसे भी कचहरी आना हो सुबह 10 बजे से पहले आ जाए, उसके बाद कलक्ट्रेट के मुख्य द्वार को बंद कर दिया जाएगा।


जिला बार के अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि बुधवार की दोपहर वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिले और उनको चेतावनी दी कि अधिवक्ता ओमकार तोमर मामले में अभी तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हो सकी है। वकीलों की ओर से किया जा रहा क्रमिक अनशन 12वें दिन में प्रवेश कर गया। सिके बाद भी कोई कार्रवाई न होना पुलिस प्रशासन की मिलीभगत होने की बू आ रही है। यह भी आरोप लगाया कि चूंकि इस मामले में हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक का नाम भी आ रहा है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।जिला बार के अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी को तालाबंदी की सूचना देने ही हम लोग गए थे।
उधर, केंद्रीय संघर्ष समिति के संयोजक सचिन चौधरी ने बताया कि पउप्र के सभी 22 जनपद एवं तहसील बार एसोसिएशन समस्त अधिवक्तागण न्यायिक कार्यों से विरत रहकर अपने चैम्बरों की पूर्ण तालाबंदी रखेंगे। इसके बाद सभी अधिवक्ता अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपने जिले के जिलाधिकारी को देंगे।
अधिवक्ताओं का क्रमिक अनशन 12वें दिन भी जारी
 मेरठ। अधिवक्ता ओमकार तोमर की आत्महत्या के बाद से पुलिस प्रशासन ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं होने पर बुधवार को लगातार 12वें दिन भी अनशन जारी रहा।
अनशन में मेरठ बार एसोसिएशन के अजय त्यागी, नरेश त्यागी, विनोद राणा, देवकरण शर्मा, कपिलराज शर्मा, केके शर्मा, सत्यव्रत शर्मा,संजीव शर्मा, पुष्पराज त्यागी, अनिल त्यागी, संजीव त्यागी, धर्मवीर पुण्डीर, विजय शर्मा, योगेश मोहन अधिवक्ता मौजूद रहे। इसके साथ ही धरना स्थल पर जिला बार के अध्यक्ष वीके शर्मा, चौधरी नरेंद्रपाल सिंह, ओपी शर्मा, नीरज सोम, सतीश चंद्र त्यागी, विशाल भारती शर्मा, ओमपाल सिंह, नरेश प्रधान, शैलेन्द्र सोम समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
लोक अदालत का होगा बहिष्कार
केन्द्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन महावीर सिंह त्यागी ने बताया कि अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते गुरुवार को कचहरी में तालाबन्दी करने के बाद सात मार्च को लगने वाली लोक अदालत का पउप्र के आह्वान पर अधिवक्ताओं द्वारा लोक अदालत का पूर्णतया रूप से बहिष्कार किया जायेगा।
दो वकीलों को दिया कारण बताओ नोटिस
मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री सचिन चौधरी ने बताया कि बार एसोसिएशन के सदस्य सुरेश पाल सिंह व अजय पाठक को मेरठ बार व जिला बार एसोसिएशन के संयुक्त प्रस्ताव का उलंघन करते हुए न्यायिक कार्य करते हुए पाया गया। इस पर मेरठ बार एसोसिएशन ने दोनों वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

पुलिस की लापरवाही पर वकीलों का फूटा गुस्सा बोले- सरकार की कठपुतली बन रहा पुलिस प्रशासन

 ओमकार सिंह तोमर की आत्महत्या को 18 दिन हो गये हैं, जबकि कचहरी में अधिवक्ताओं के क्रमिक अनशन को12 दिन हो गये हैं। बावजूद इसके अभी तक पुलिस ने अबतक मुख्य आरोपियों में से किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी है। मात्र एक आरोपी हिरासत में लिया जा सका है। इसी से पता चलता है। कि पुलिस प्रशासन किस कदर सरकार की कठपुतली बना हुआ है। वहीं ओमकार सिंह तोमर को न्याय दिलाने के लिये मेरठ सहित वेस्ट यूपी के अधिवक्ता एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं। अब देखना यह है कि अधिवक्ताओं की यह मुहिम क्या रंग लाती है? इस बारे में धारा न्यूज ने जिला बार व मेरठ के अधिवक्ताओं की राय को जानने का प्रयास किया है। 
वरिष्ठ अधिवक्ता अश्वनी कुमार शर्मा का कहना है कि विधायक दिनेश खटीक के नामजद होने के कारण ओमकार सिंह तोमर आत्महत्या प्रकरण मेंं सत्ता का दबाव के चलते कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे लोकतंत्र की खिल्ली उड़ती दिखाई दे रही है।

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 सीनियर अधिवक्ता गौतम ऋषि का कहना है १८ दिन के बाद भी ओमकार सिंह तोमर के मामले में मात्र आरोपी की गिफ्तारी दुख का विषय है। एक आम आदमी न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है।

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 अधिवक्ता सनव्वर खान
का कहना है। जब एक अधिवक्ता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। तो आम आदमी को कैसे न्याय मिल पाएगा। सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए पुलिस प्रशासन पर राजनीतिक हस्तक्षेप कदापि न हो।

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  अधिवक्ता संदीप कुमार का कहना है कि ऐसा लगता है। पुलिस कानूनी पाठ को भूल गयी है। जो उन्हें नौकरी की शपथ ग्रहण करने से पूर्व दिलाई जाती है। अधिवक्ता ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में बिलकुल ऐसा ही दिखाई दे रहा है।

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  अधिवक्ता कुंवर मो. वसीम का कहना है जब तक ओमकार तोमर आत्महत्या प्रकरण में 14आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है। तब तक अधिवक्ताओं को आंदोलन जारी रहेगा। अधिवक्ता इस मामले में पीछे हटने वाले नहीं हैं।

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 अधिवक्ता संजीव त्यागी का कहना है कि जब सरकार अधिवक्ताओं को न्याय नहीं दिला सकती है। तो एक आदमी को कैसे न्याय दिला पाएगी। इससे आमजन में पुलिस की छवि धूमिल हो रही है।

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 वरिष्ठ अधिवक्ता मनजीत सेठी का कहना है कि ओमकार सिंह तोमर आत्महत्या प्रकरण में पुुलिस प्रशासन पूरी तरह निष्क्रिय साबित हो रहा है। न तो पुलिस स्थिति की गहराई तक पहुुंची है और न ही इस मामले में अधिवक्ताओं से विधिक राय लेने का प्रयास भी नहीं किया।

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 वरिष्ठ अधिवक्ता रेखा जैन
का कहना है किन कारणों से अधिवक्ता ओमकार सिंह तोमर ने आत्महत्या की इस बात की जांच होनी चाहिए। पुलिस ने इस मामले में अभी तक लापरवाही बरती है। जिसके कारण अधिवक्ताओं को मजबूरन आंदोलन के लिये मजबूर होना पड़ रहा है। कोरोना के कारण ९ माह तक कोर्ट बंद होने से काफी कार्य प्रभावित हो चुका है।

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