कोलकाता, 05 मार्च। इस बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आंदोलन की ऐतिहासिक भूमि नंदीग्राम से चुनाव लड़ने जा रही हैं। इसकी सारी तैयारियां भी दिखने लगी हैं। क्षेत्र में मुख्यमंत्री के रहने की व्यवस्था पार्टी की ओर से की जा रही है जिसे लेकर सरगर्मी तेज है। अपने ही कैबिनेट के परिवहन मंत्री और राज्य के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के तृणमूल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में चले जाने के बाद उन्होंने इसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। शुभेंदु भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं और इस बार भाजपा से उन्हें ही टिकट दिया जाएगा। शुभेंदु चुनौती दे चुके हैं कि अगर ममता बनर्जी को 50 हजार वोट से नहीं हरा सकें तो राजनीति छोड़ देंगे। इधर लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी की परंपरागत सीट कोलकाता के भवानीपुर इलाके में भाजपा ने बेहतर प्रदर्शन किया था जिसकी वजह से राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम ने उन्हें सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने की सलाह दी है। नंदीग्राम अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है और यहां उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला अल्पसंख्यक मतदाता ही करते हैं। इसलिए ममता बनर्जी ने इस सीट को चुना है। वैसे भी वाममोर्चा के शासन को उखाड़ फेंकने में नंदीग्राम आंदोलन की भूमिका रही है और यह सीट चुकी ममता की अस्मिता से जुड़ी है इसीलिए यहां से जीत हार बड़ा संकेत देने वाला होगा। तृणमूल सूत्रों ने बताया है कि नंदीग्राम के ताराचांद बार इलाके में एक शिक्षक के घर को मुख्यमंत्री के लिए लिया गया है। यहां शिक्षक, उनकी पत्नी और दो बेटे रहते हैं, चार कमरे हैं दो बाथरूम है और एक रसोई है। मकान मालिक का नाम शेख मनसूर अली है। उन्होंने कहा कि सीएम के लिए यह आवास भाड़े पर लिया जा रहा है। पास ही में तृणमूल के पूर्व मेदिनीपुर जिलाध्यक्ष शेख सूफियां का घर है इसलिए बैठक और किसी भी तरह के समन्वय में काफी मदद मिलेगी।
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