मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में ललित कला संकाय के परफार्मिंग आर्ट्स विभाग में आज से संगीत में अनुसंधान समस्याएँ एंव समाधान विषय पर त्रि.दिवसीय अन्तराष्ट्रीय ई.कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।ई.कार्यशाला का शुभारंभ सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय डॉ वी पी सिंह, ललित कला संकाय के प्राचार्य प्रो डॉ पिन्टू मिश्रा एवं परफार्मिंग आर्ट्स की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ भावना ग्रोवर ने माँ सरस्वती  के समक्ष दीप.प्रज्जवलित करके किया एवं परफार्मिग आर्ट्स विभाग की छात्राओं ने वन्दना गाकर सत्र का शुभारंभ किया।
    कार्यशाला के आरम्भ में डॉ भावना ग्रोवर ने विषय से सबको अवगत कराया और तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यशाला में किन.किन विषयों से प्रवक्ताओं एवं शोधार्थी लाभान्वित होंगे इस विषय पर प्रकाश डाला एवं सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और तीन दिन तक इसी प्रकार कार्यशाला से जुड़े रहने की कामना की । डॉ भावना ग्रोवर ने यह भी बताया कि उक्त कार्यशाला का मुख्य उदेश्य है कि  संगीत एवं नृत्य विधा में अनेकानेक शोध देश के विश्वविद्यालयों में होते रहते है, और अनेक शोधार्थी अनेक प्रकार की शोध समस्याओं से घिरे रहते है, उन्हें एक सही दिशा - निर्देश की आवश्यकता है इस कार्यशाला से अनुसंधान के विषय , अनुसंधान की समस्याओं एवं शोधार्थीयों को नई शोध तकनिकीयों से अवगत कराया जाये। शोध अनुसंधान किस प्रकार किया जाये इस बात से अवगत कराना ही कार्यशाला का मुख्य उददेश्य है।     ई -कार्यशाला के प्रथम सत्र के बीज वक्ता के तौर पर प्रख्यात लेखक एवं कलाकार पं. विजय शंकर मिश्र रहे। पं. ने अनुसंधान एवं संगीत के क्रियात्मक पक्ष के विषय मे बताया , पं.ने बताया कि किस प्रकार शास्त्र कला का अनुगामी है ,उन्होंने बताया कि किस प्रकार आराम अनुसंधान में अवरोधक है। उन्होंने उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रंों का सुंदर और सरल उदाहरण देकर अनुसंधान को परिभाषित किया।     देश विदेश से जुड़े इस ई .कार्यशाला में लगभग 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की । जिसमें प्रतिभागियों ने संगीत से जुडें अनेकानेक प्रश्न पूछेए जिनको संगीत.शास्त्रीयों ने शोधकर्ताओ को उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को तृप्त किया।
    ललित कला संकाय के डीन प्रो डॉ पिन्टू मिश्रा ने परफार्मिंग आर्ट्स विभाग को अनेकानेक बधाई दी और कहा की इस प्रकार की कार्यशाला केवल संगीत के लिए ही नही बल्किए सभी विषय के शोधार्थीयों के लिए लाभप्रद सिद्ध होगी। इस कार्यशाला की मुख्य संचालक डॉ भावना ग्रोवर और कार्य संचालक डॉ आकांक्षा सारस्वत  रही। डॉ प्रीती गुप्ता, अभिषेक मिश्रा, नीशी चौहान और श्वेता सिंह की कार्यशाला में सहभागीता रही। 



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