कोरोना काल में पोषण पर ध्यान देना जरूरी
पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
मुजफ्फरनगर। जड़ौदा के होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल में उत्तर प्रदेश योगा एसोसिएशन की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें टीबी और कोरोना के बारे में सभी को जागरूक किया गया साथ ही इन रोगों से बचने के उपाय भी बताए गए। कार्यक्रम में बताया गया कि कोरोना काल में पोषण पर अधिक ध्यान देना बेहद जरूरी है। सही पोषण रहने से रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) मजबूत रहती है। इसके लिए अधिक से अधिक पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार का सेवन करना चाहिए है। पोषण और रोग प्रतिरोधक क्षमता को लेकर हर व्यक्ति को सजग रहने की जरूरत है। पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि होती है। यह कई बीमारियों से दूर रखती है।
जिला अस्पताल के टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया2025 तक टीबी को समूल खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। यह तभी संभव है जब इस बीमारियों के प्रति लोग जागरूक होंगे और सही समय पर सही उपचार लेंगे। इसके लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत रखना बेहद आवश्यक है, क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता अगर अच्छी होगी तो हर तरह की बीमारी को मात दी जा सकती है। यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो शरीर बीमारी का घर बन जाता है। उन्होंने बताया जिले में वर्तमान में टीबी के 4090 मरीज हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल में टीबी और कोरोना की जांच और इलाज मुफ्त किया जाता है। साथ ही सरकार टीबी रोगियों को पोषण के लिए हर माह500 रुपये की आर्थिक सहायता भी दे रही है।
विटामिन, कैल्शियम और आयरनयुक्त आहार है जरूरी
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए विटामिन, कैल्शियम और आयरनयुक्त आहार का सेवन जरूरी है। समय पर खाना खाना चाहिए। खाना खाने के करीब ३० मिनट बाद भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
सब्जी एवं फल का सेवन और व्यायाम है जरूरी-
उचित पोषण और पौष्टिकता के लिए पालक, पनीर, सोयाबीन, कद्दू, गाजर समेत अन्य हरी सब्जी और साग का भरपूर मात्रा में सेवन करें। फलों में केला, पपीता, संतरा, अनार, अनानास आदि मौसमी फलों का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने एवं बढ़ाने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें और साथ ही भरपूर नींद लें।
क्या है रोग प्रतिरोधक क्षमता-
डॉ.लोकेश चंद गुप्ता बताते हैं कि प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, टिशू और प्रोटीन आदि शामिल होते हैं। यह सभी मिलकर मानव शरीर को सही तरीके से काम करने में सहायता करते हैं। इसके साथ में प्रतिरक्षा प्रणाली मानव शरीर को बीमारियों, संक्रमण, वायरस इत्यादि से लड़ने में सहायता प्रदान करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने की शक्ति है, जो व्यक्ति को सेहतमंद रखने में सहायता करती है।
प्रतिरोधक क्षमता के फायदे और कमी के लक्षण एवं कारण-
रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से लोग शारीरिक, मानसिक रूप से भी मजबूत रहते हैं और संक्रामक बीमारियों से दूर रहते हैं। साथ ही स्वस्थ और मजबूत शरीर का निर्माण होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से तनाव महसूस होता है, अधिक सर्दी लगती है, पेट संबंधी परेशानियां, चोट को ठीक होने में अधिक समय लगता है, संक्रमण होता है और कमजोरी महसूस होती है। इसलिए नशीले पदार्थों का सेवन और पर्याप्त नींद की कमी और व्यायाम नहीं करना घातक हो सकता है।
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