गोल्डन कार्ड बनाने के लिए गांवों में चलेगा अभियान

 


मेरठ, 26 अक्टूबर 2020 । प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनवाने का अभियान एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है। एक नवंबर से हर गांव में इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा और उन गांवों में शिविर लगेगा, जहां गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं। ऐसे गांवों की सूची तैयार कर ली गई है। आशा के माध्यम से लाभार्थियों तक शिविर की सूचना पहुंचाई जाएगी।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. राजकुमार ने बताया कोविड-19 के कारण गोल्डन कार्ड बनाने के अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ऐसे में अब ज्यादा से ज्यादा गोल्डन कार्ड बनवाने हैं, ताकि लाभार्थियों को लाभ मिल सके। अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) अमित मोहन प्रसाद ने गोल्डन कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ ने बताया कि योजना की नोडल अधिकारी डॉ. पूजा शर्मा की देखरेख में यह अभियान एक नवम्बर से चलना है। अभियान के दौरान गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए प्रोत्साहित करने पर 10 रुपये प्रति कार्ड आशा कार्यकर्ता को भी दिए जाएंगे। उन्होंने बताया संबंधित गांवों की आशा कार्यकर्ताओं को लाभार्थियों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया गया है। जागरूकता के उद्देश्य से प्रत्येक आशा को योजना से सम्बंधित 50 लीफलेट्स भी दिए जाएंगे।
कार्ड के लिए देने होंगे 30 रुपये
  आशा कार्यकर्ता प्रिटेंड डाटा के आधार पर गांव के लाभार्थी को सूचना देंगी। कॉमन सर्विस सेंटर के बीएलआई द्वारा एक नवम्बर को गांव में कैंप लगा कर कार्ड बनाये जाएंगे। लाभार्थी प्रति कार्ड 30 रुपये का शुल्क देकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं।
 गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिये लाभार्थियों को राशन कार्ड, आधार कार्ड,  वोटर आईडी कार्ड, प्रधान मंत्री का मूल पत्र (अगर प्राप्त हुआ है तो)
 
1.90 लाख से अधिक कार्ड बन चुके हैं
मेरठ में 25 अक्टूबर तक 1.90  लाख से अधिक गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके हैं। यह कार्ड  64625 परिवारों के हैं, जिसमें 9048 लाभार्थियों ने योजना का लाभ लिया है।

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