इलाज में शामिल हुआ आयुर्वेद, आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन

कोरोना से प्रभावित हल्के और मध्यम उपचाराधीनों का ही इलाज किया जा सकेगा

 

मेरठ । कोरोना का इलाज अब पूरी तरह से आयुर्वेद और योग से हो सकता है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की जा चुकी है, लेकिन इस गाइडलाइन के तहत कोरोना के सिर्फ माइल्ड और मोडेरेट हल्के और मध्यम उपचाराधीनों का ही इलाज किया जा सकेगा। गंभीर मामलों में कोरोना के उपचाराधीनों को एलोपैथिक इलाज के लिए कोविड अस्पताल में भेजना अनिवार्य है। विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार किये गये प्रोटोकॉल में विस्तार से बताया गया है कि उपचाराधीनों को कौन.कौन सी आयुर्वेदिक दवाएं कितनी मात्रा में कितनी बार देनी हैं। इसी तरह से मरीजों के लिए योग के जरूरी आसनों के बारे में भी बताया गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सक हल्के और मध्यम रूप से कोरोना से प्रभावित उपचाराधीन को होम आइसोलेशन के दौरान इन दवाओं को दे सकते हैं।जिला अस्पताल  में हल्के १६ मरीजों का उपचार आयुर्वेद दवाओं से चल रहा है। 
आयुर्वेद विभाग के चिकित्सक डा.भगत सिंह बताते हैं कि मंत्रालय की ओर से जारी प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना से बचाव के लिए अश्वगंधा का 1.3 ग्राम पाउडर या 500 एमजी अर्क एक्सट्रेक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। 10 ग्राम च्यवनप्राश गर्म पानी या दूध के साथ रोजाना उपयोग करें। आयुष.64 नाम की दवा कोरोना से मामूली रूप से प्रभावित उपचाराधीन को इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है, ताकि वायरस से बचाव हो सके। गुडुची और पीपली का अर्क हल्का बुखार, गला खराब, दस्त या खांसी आदि होने पर दिन में दो बार ले सकते हैं। इसके अलावा नमक, हल्दी, त्रिफला या यष्टिमधु के गुनगुने पानी से गरारे करने चाहिए। घर से बाहर जाने पर नाक में एक.दो बूंद अणु तेल, घी या नारियल तेल डालने की सलाह भी उन्होंने दी है। दिन में एक बार एक गिलास  दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर उबालकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। उन्होंने 45 मिनट, 30 मिनट और 15 मिनट के योग के सेशन करने की सलाह दी है। इसमें कपालभाति, प्राणायाम,श्वसन क्रिया और अन्य मुद्राएं शामिल हैं। 
 उन्होने बताया वर्तमान में अस्पताल में आये १६  हल्के मरीजों  अयुर्वेद के माध्मय से उपचार किया जा रहा है।  उपचारधीन मरीज मीनाक्षी ने बताया डा भगत की सलाह पर ले रही उपचार से उन्हें काफी फायदा मिला है । 
गौरतलब है कि पहली बार सरकारी तौर पर आयुर्वेद और योग को किसी महामारी के इलाज के लिए आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई है। अभी तक आयुर्वेदिक चिकित्सक खुद अपने अनुभव के आधार पर आयुर्वेदिक फॉर्मूलों से मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसमें एकरूपता नहीं होने से कई तरह की भ्रांतियां पैदा हो रही थीं। प्रोटोकॉल जारी होने के बाद सभी भ्रांतियों पर विराम लग जाएगा। कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर के रूप में आयुर्वेदिक दवा काफी सफल रही हैं। पिछले दिनों प्रोटोकॉल जारी करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि कोरोना मरीजों के इलाज में ट्रायल के दौरान आयुर्वेदिक दवा और योग के प्रामाणिक रूप से प्रभावी पाए जाने के बाद इसे औपचारिक रूप से इलाज में शामिल करने का फैसला किया गया है।


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