गुरूवार को एक्यूआई 359 हुआ दर्ज
मेरठ।हवा के रुख में बदलाव के साथ प्रदूषण बढऩे से मेरठ गैस चैंबर में तब्दील हो गया। देश के बेहद प्रदूषित हवा वाले 14 शहरों में मेरठ गुरुवार को भी पहले नंबर पर रहा। तीन दिन में ऐसा दूसरी बार हुआ है। हालांकि ईपीसीए के आदेश के ग्रेप लागू कर दिया गया है। इसके बावजूद यह स्थिति है। विभागों की कार्रवाई जैसे.तैसे चल रही है। हालांकि दावा है कि सभी उद्योगों, निर्माण कार्यों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। डीएम के.बालाजी का कहना है कि कहीं भी प्रदूषण फैलाने की शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। सभी विभागों को जिम्मेदारी दे दी गई है।
बता दें मेरठ में 14 दिनों से खराब श्रेणी में चल रही हवा गुरुवार को बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। पिछले वर्ष में हवा की यह गुणवत्ता दिवाली से एक दिन पहले थी, जबकि इस बार एक महीने पहले ही मेरठ में हालात खराब हो गए। हवा की यह गुणवत्ता स्वस्थ लोगों के लिए हानिकारक है। प्रदूषण के मानकों के हिसाब से मेरठ में हवा की गुणवत्ता छह श्रेणियों में से पांचवें नंबर पर है। आने वाले दिनों में प्रदूषण की मार और बढऩे की आशंका है। उधर, ईपीसीए के आदेश के तहत मेरठ समेत मंडल में ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लानग्रेप लागू कर दिया गया है। हालांकि नगर निगम, एमडीए, आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जैसे.तैसे कार्रवाई की जा रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को मेरठ का एक्यूआई 359 दर्ज हुआ, जो देश के 14 बेहद खराब गुणवत्ता वाले शहरों में सर्वाधिक है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा सिर्फ इससे लगाया जा सकता है कि दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की हवा मेरठ से थोड़ी बेहतर रही।
दरअसल अभी देहात में पराली व कुडे के ढेर को जलाया जा रहा है। जिसके कारण प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। कोरोना काल मे यह लोागों के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।
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