मेरठ। करीब 3500 सौ करोड़ के बाइक बोट घोटाले में फरार चल रहे जीआइपीएल गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के 50 हजारी निदेशक ललित गुर्जर को इओडब्ल्यू और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने मवाना के शिवनागर यूनिवर्सिटी के पास से मंगलवार को पकड़ लिया। नोएडा पुलिस ने ललित पर पचास हजार का इनाम घोषित कर रखा था।
इओडब्ल्यू के एएसपी राम सुरेश यादव और एसटीएफ के सीओ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि मवाना के सैदीपुर गांव निवासी ललित गुर्जर पुत्र चतर सिंह 2011 में आइसीएस कंपनी में एमआर था। इसके बाद आयुर्वेदिक कंपनी आइएमसी में 2016 से 2018 तक काम किया। ललित का काम देखकर वीरेंद्र मलिक ने जीआइपीएल में निदेशक रहे अपने जीजा करणपाल से उसकी मुलाकात कराई। इसी बीच आइएमसी कंपनी ने ललित का तबादला मध्य प्रदेश कर दिया। तभी वीरेंद्र के जरिए ललित ने जीआइपीएल कंपनी में पहले एक और फिर तीन बाइक लगा दी। जिसका रिटर्न समय से मिलता रहा।
इसके बाद मार्च 2018 में मवाना में फलावदा रोड स्थिति अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर ललित ने 32 बाइक लगा दी। जिनका रिटर्न तीन लाख 12 हजार प्रतिमाह आने लगा। ललित के काम से कंपनी के निदेशक संजय भाटी खुश हुए। संजय ने ललित को तीन करोड़ रुपये का सालाना टारगेट दिया। टारगेट पूरा करने पर ललित को कंपनी का निदेशक बना दिया। साथ ही फॉरच्यूनर कार दी गई, जो फिलहाल नोएडा पुलिस के कब्जे में है। उस समय ललित ने मवाना क्षेत्र के काफी लोगों की मोटी रकम कंपनी में लगवा दी थी इस मामले में इओडब्लयू क ई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts