मेरठ । आज रक्षाबंधन का त्योहार है। इस बार बच्चों के लिए खास एंग्री बर्ड की राखी चर्चा में रही, तो वहीं बड़ों के लिए बहनों ने विभिन्न प्रदेशों की कारीगरी वाली राखी को पसंद किया है। रक्षाबंधन और फिर जन्माष्टमी का त्योहार है। ऐसे में हर कोई त्योहारों की तैयारी में जुटा दिखाई दिया।
कोरोना काल में भी बाजार का उत्साह चरम पर रहा और सभी ने जमकर खरीदारी की। व्यापारी दीपक रस्तागी का कहना है कि हर बार बच्चों के लिए सबसे अलग तरह की राखियां बाजार में पहुंचती हैं लेकिन, इस बार मेटल में एंग्री बर्ड वाली राखी बहनों को ज्यादा भा रही है। इसके अलावा पिकाचू, डोरेमॉन वाली राखियां भी पसंद की जा रही हैं।इस बार चायनीज राखी पूरी तरह से बाजार से गायब है। इनकी जगह विभिन्न प्रदेशों से आयी राखियों ने ले ली है।
व्यापारी मुकेश गुप्ता का कहना है कि राजस्थान, केरल व कलकत्ता की राखियों की धूम है। राजस्थान की जहां मीना जडि़त राखी पसंद की जा रही है तो वहीं केरल की कुंदन व कलकत्ता की डायमंड शेप वाली हैंडमेड राखी बहनों की पहली पंसद है। रक्षाबंधन को यादगार बनाने के लिए भाई-बहन एक दूसरे को तोहफा भी देते हैं। इसकेा लेकर भी शुक्रवार को चहल.पहल ज्यादा दिखाई दी। बच्चे जहां अपनी बड़ी बहन को खुश करने के लिए टैडी बियर व अन्य तोहफे लेते दिखाई दिए तो मोबाइल शॉप पर भी भीड़ दिखाई दी। इस बीच चॉकलेट्स की भी खूब बिक्री हुई। शनिवार को ईद होने के कारण व लॉक डाउन होने के कारण कम ही निकले। रविवार की शाम को कुछ खुली दुकानों पर महिलाओं की भीड दिखाई।
मिलावट के कारण घरों में तैयार हो रही मिठाईयां
हर साल त्यौहारों के नजदीक आने के कारण मिलावट वाली मिठाइयों की भरमार होती है। इस बार कोरोना के संक्रमण के चलते महिलाए यू टयूब व मोबाईल विभिन्न प्रकार की मिठाईयां तैयार कर रही हे। इसमें न कोई मिलावट है। घरेलू महिला मीना वर्मा का कहना है। बाजार की मिठाईया लेने से स्वास्थ्य पर असर पडता है। आज के वक्त मोबाईल पर सब कुछ उपलब्ध है। के ब्लॉक निवासी मीनाक्षी गुप्ता का कहना है। कोरोना काल ने महिलाओं को व्यंजन बनाना सिखा दिया है। इस लिये वह भाई को देने के लिये घर पर ही मिठाई तैयार कर रही है।
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