मुजफ्फरनगर। कोरेाना काल में अब मरीजों को अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए अब मरीज ई-संजीवनी ऐप के जरिए ओपीडी की सुविधा घर बैठे ले सकेंगे । इसके लिए शासन ने पहल करते हुए ई-संजीवनी ऐप शुरू किया है। इसके तहत टेलीमेडिसन सेवा को विस्तार देते हुए ई-संजीवनी ऐप ओपीडी सेवा आरंभ की जाएगी। अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराने और भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह पहल की गयी है। ई-संजीवनी ऐप को लेकर शासन का साफ कहना है कि इसमें मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसे में ऐप के माध्यम से सुलभता और सरलता से नियमों का पालन किया जाएगा।
ऐसे मिलेगी सुविधा:-
टेलीमेडिसन ई-संजीवनी के माध्यम से ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जिला अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों को नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा यह भी ध्यान रखा जाएगा कि चिकित्सक मरीज को उचित समय दें । वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सीएचओ व एएनएम को भी इस सेवा के साथ जोड़ा जाएगा। ताकि उपचाराधीन या उसके तीमारदारों को वह जानकारी दे सकें । ई-संजीवनी ऐप या वेबसाइट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति खुद का रजिस्ट्रेशन करके ओपीडी की सेवा ले सकता है। इस योजना के लिये फिलहाल सरकारी चिकित्सकों का डाटा तैयार किया जा रहा है। निजी चिकित्सकों को भी योजना से जोडऩे की बात चल रही है।
ऐसे करें ऐप डाउनलोड :-
र्ई.संजीवनी ऐप या वेबसाइट के जरिये स्वयं का रजिस्ट्रेशन करके ओपीडी सेवा का लाभ लिया जा सकता है।
ई.संजीवनी ऐप प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।
इस ऐप में चिकित्सक को कॉल करने की सुविधा है।
जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए उप केन्द्र स्तर पर हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर पर कार्यरत सीएचओ व एएनएम टेबलेट का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन कराएंगे।
मरीज को पुरानी रिपोर्ट, एक्सरे या अल्ट्रासांउड दिखाना है तो उसे ऐप पर ही अपलोड कर दिखाया जा सकता है।
जो पर्ची डाक्टर देंगे उसमें डिजिटल साइन भी होंगे ताकि मरीज को दवा या जांच में किसी प्रकार की परेशानी न आए।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि वैसे तो जिला अस्पताल में पहले से ही टेलीमेडिसिन ओपीडी चल रही है, लेकिन जल्दी ही ई-संजीवनी टेलीमेडिसन के तहत सेवा आरंभ की जाएगी। चिकित्सक और ऑपरेटर तैनात करके काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर यह सेवा आरंभ हो जाएगी।
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