खून देकर भारतीय कप्तान की जान बचाई

नई दिल्ली
। थ्री डब्ल्यू के नाम से विख्यात तिकड़ी में शामिल रहे कैरेबियाई दिग्गज सर फ्रैंक वॉरेल, सर क्लाइव वाल्कॉट और सर एवर्टन वीक्स ने पचास के दशक में विश्व किे्र्रकेट का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम तैयार किया था। वीक्स, वाल्कॉट और वॉरेल का जन्म बारबाडोस में अगस्त 1924 से लेकर जनवरी 1926 तक 18 महीनों के अंदर हुआ था। इन तीनों ने 1948 में तीन सप्ताह के अंदर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था आज तीनों इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन कैरेबियाई क्रिकेट को ऊंचाइयां देने में इस तिकड़ी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। 
फ्रैंक वॉरेल आज ही के दिन 1 अगस्त 1924 में पैदा हुए थे 1960 से 1963 के दौरान 15 टेस्ट मैचों की अगुवाई करने वाले वॉरेल वेस्टइंडीज के पहले नियमित अश्वेत कप्तान थे। हां, 1948 में एक टेस्ट के लिए ब्लैक ब्रैडमैन के नाम से मशहूर रहे जॉर्ड हैडली को वेस्टइंडीज की कप्तानी मिली थी।1960 से पहले तक वहां गोरों की ही चलती थी। 
विरोधी टीमों से लेकर अपने देश के खिलाडियों ने फ्रैंक वॉरेल के खेल और कप्तानी की खूब सराहना की। एक क्रिकेटर की जिंदगी मैदान तक ही सीमित नहीं रहती है, वो देश और समाज के लिए भी बहुत कुछ कर सकता है। उनका यही उद्देश्य था।  उन्होंने कुछ ऐसा किया। जिसे आज भी मिसाल के तौर पर पेश किया जाता है। 1962 में भारतीय टीम के तत्कालीन कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर की जान बचाने में उनकी पहल को हमेशा याद किया जाएगा। 
जब नारी कॉन्ट्रैक्टर को बाउंसर लगी

मार्च 1962 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर थी। पहले दो टेस्ट के बाद भारतीय टीम ने बारबाडोस के खिलाफ  एक कॉलोनी गेम खेला। इस मैच के दौरान कैरेबियाई तूफानी गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की घातक बाउंसर भारतीय कप्तान कॉन्ट्रैक्टर को सिर पर जा लगी। वह बुरी तरह से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया। उनका ऑपरेशन हुआ। उन्हें बचाने के लिए काफी मात्रा में खून की जरूरत थी।
ऐसे में वेस्टइंडीज के कप्तान वॉरेल ने पहल की और दोनों टीमों के खिलाडिय़ों के साथ-साथ अन्य लोगों ने कॉन्ट्रेक्टर के लिए रक्तदान किया। भारतीय कप्तान बच गए। लेकिन फिर कभी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाए। आज भी भारतीय सर फ्रैंक के उस परोपकार को नहीं भूले हैं। भाग्य की विडंबना देखिए कि मार्च 1967 में इस महान सज्जन क्रिकेटर का ल्यूकेमिया एक प्रकार का ब्लड कैंसर की वजह से महज 42 साल की उम्र में निधन हो गया।
बीसीए मनाता है सर फे्रैक वॉरेज का दिवस 
बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने फ्रैंक वॉरेल के सम्मान में 1981 से हर साल अपने स्थापना दिवस 3 फरवरी को सर फ्रैंक वॉरेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। इस मौके पर सीएबी परिसर के साथ-साथ जिलों में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। रक्तदाताओं को प्रसिद्ध क्रिकेटरों द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्रदान किए जाते हैं। फ्रैंक वॉरेल फस्र्ट क्लास क्रिकेट में दो बार 500 या इससे ज्यादा रनों की साझेदारी में शामिल होने वाले पहले बल्लेबाज हैं। अब तक रवींद्र जडेजा ही इसे उपलब्धि को हासिल कर पाए हैं। 

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