एटीएफ ने 6 मशीनों समेत 12 लोगों को लिया हिरासत में 
एसटीएफ और परतापुर पुलिस ने की संयुक्त रूप की कार्रवाई 

 परतापुर स्थित गोदाम में  एनसीआरटी सहित कई बड़े ब्रांडों की नकली किताबें छापी जा रही थी 
मेरठ। एजूकेशन हब में शुक्रवार को चोरी-छिपे अवैध रूप से एनसीआरटी की किताबें छापे जानें का खुलासा हुआ है जहां पर नामी गिरामी ब्रंाडों की एनसीआरटी की किताबे छापी जा रही थी। एटीएफ ने ३५ करोड रूपये कीमत की किताबों के साथ १२ लोगों को हिरासत में लिया है। मौके से ६ मशीनें भी बरामद की गयी है।  


                जिलें में सरकारी उपक्रम की किताबों को अवैध रूप से काफी समय से छापा जा रहा था। छपाई कि बाद दिल्ली, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में सप्लाई भी किया जा रहा था। परतापुर पुलिस व एटीएफ को मेरठ मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट से इसकी सूचना मिली तो संगठित कार्रवाई करते हुए परतापुर क्षेत्र में अर्चना काशी मार्ग पर एक बढे गोदाम पर छापेमारी की गई। यहां से पुलिस ने 35 करोड रूपये मूल्य की अवैध रूप से छापी गई किताबें व इन्हें छापनें वाली 6 मशीनें बरामद की। वही इस गोरखधंधे का मास्टर माईंड सचिन गुप्ता मौके से भागनें में कामयाब हो गया जिसकी तलाश की जा रही है।
 बता दें एनसीआरटी भारत सरकार द्वारा स्थापित संस्थान है जिसके आधीन सभी सरकारी पाठ्क्रम आता है। इस पाठ्यक्रम में वह सभी सरकारी विद्यालय शामिल होते है जहां पर अलग.अलग विषयों की पढाई होती है। साथ ही सभी तरह की शिक्षा पर सरकार का मार्गदर्शन करना, शिक्षा को लेकर सभी नितियों पर काम करना होता है।
एसटीएफ के सीओ बृजेश कुमार और सीओ ब्रह्मपुरी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि गोदाम में लगभग 40 से 500000000 की किताबें रखी हुई हैं।
 छापे की सूचना पर प्रेस में गोरखधंधे बाज ने लगायी आग 
जब गोदाम पर छापे की सूचना गोदाम के मालिक सचिन गुप्ता निवासी अंसल टाउन को मिली तो उसने मोहकमपुर स्थित अपनी प्रेस में आग लगा दी। एसटीएफ ने प्रेस पर छापा मारकर भारी मात्रा में किताबें बरामद कीं। पहले भी सचिन गुप्ता की प्रेस पर छापा लग चुका है जिसमें प्रेस को सीज किया गया था।
 शिक्षा में सेंध की पूरी संभावना 
  जिस तरह से गोदाम में छापे के दौरान ३५ करोड की किताबें बरामद की गयी है। उससे से साफ दिखाई दे रहे है। आरोपी साचिन गुप्ता के तार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जुडे है। आखिरकार किसने उसे  सरक ारी एनसीआरटी की किताबों को छापने क ा आर्डर दिया । यह जांच का विषय है।

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