जान जोखिम में डालकर दिन रात कोरोना उपचाराधीनों को पहुंचा रहे हैं अस्पताल
कोरोना काल में कई एम्बुलेंस कर्मी भी हो चुके हैं कोरोना से संक्रमित 
मेरठ । कोरोना काल में जहां कोरोना योद्धा बनकर चिकित्सक और पुलिस अधिकारी सामने आये हैंए वहीं प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 108 एंबुलेंस सेवा और लाइफ सपोर्ट एलएस एंबुलेंस भी कोरोना मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। एम्बुलेंस चालक दिन-रात कोरोना उपचाराधीनों को अस्पताल में भर्ती कराने में जुटे हैं। हालांकि जनपद के कई एम्बुलेंस कर्मी भी संक्रमित हो चके हैं। इसके बाबजूद एम्बुलेंस कर्मियों के सेवाभाव में कोई कमी नहीं आयी है, वह ठीक होकर फिर से अपने काम में जुट जाते हैं। 
  जिला सर्विलांस अधिकारी डा विश्वास चौधरी ने बताया जनपद में अब तक 3112 से अधिक लोगों का कोरोना उपचार किया जा चुका है। जिसमें 1235बच्चे, 1190 बुर्जुर्ग , 687 महिलएं शामिल है। उपचाराधीनों को लाने ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस और एलएस एंबुलेंस 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन एंबुलेंस से कोरोना के मरीजों को चिन्हित कर तुरंत उपचार के लिए आइसोलेट किया जाता है।

 एंबुलेंस पर तैनात चालक और स्टाफ के उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए कई संस्थाएं उनको  सम्मानित भी कर चुकी हैं। कोरोना काल में एम्बुलेंस कर्मियों की हिम्मत से जनपद में लोगों को  तत्काल उपचार मिल रहा है। समय पर इलाज मिलने के कारण जनपद में कोरोना उपचाराधीन जल्द से जल्द ठीक होकर अपने घर लौट रहे हैं।
एम्बुलेंस सेवा के  रीजनल मैनेजर संजीव कपिला डिस्ट्रिक इंजार्च प्रोमिल त्यागी ने ने बताया जनपद में कुल 79 एम्बूलेंस मरीजों की सेवा के लिये लगी है।  जिसके लिये 300 कर्मचारी जिसमें इंमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन व पायलेट  समेत अन्य कर्मचारी शामिल है। जिसमें 108 सेवा की कुल 37 102 सेवा की 38 एंबुलेंस और एलएस की चार एम्बुलेंस जनपद में 24 घंटे अपनी सेवा जनता को दे रही हैं। इसमें 12 एम्बुलेंस 108, चार एलएस एम्बुलेंस कोरोना में सेवा दे रही हैं। कोरोना काल में सभी एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सहित अन्य सभी सुविधाएं हैं। सभी एम्बुलेंस को समय.समय पर सैनिटाइज किया जा रहा है। सभी एम्बुलेंस कर्मियों को पीपीई किट दी गई हैं।
  प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को दबाव बनाते है मरीज 
  डिस्ट्रिक इंजार्च प्रोमिल त्यागी का कहना है। कोरोना काल के लिये सरकार ने संक्रमित मरीजों को सरकारी अस्पताल मे उपचार के लिये 108 व एएलएस एंबूलेंस का लगा रखा है। कभी-कभी संक्रमित मरीजो के कारण उनके समक्ष परेशानी खडी होती है। जब संक्रमित मरीज व उनके परिजन प्राइवेट हास्पिटल में लेजाने का दबाव बनाते है। लेकिन नियमानुसार किसी भी संक्रमित मरीज का उपचार केवल सरकारी अस्पताल में चलता है। उन्होंने बताया इसके लिये लोगों को विभाग की ओर जागरूक किया जा रहा है। इसके बाद भी काफी लोग जागरूक नहीं हो  पा रहे है। यही कारण है उनकी बात को न मानने पर वह अधिकारियों को झूठी खबर बता देते है। 

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