नये -नये बदलाव हमारे जीवन का भाग बन जाएंगे
अन्र्तरष्ट्रीय वेबिनार के आयोजन में वक्ताओं ने रखी अपनी बात
न्यूज प्रहरी,मेरठ । ग्लोबल सोशल कनैक्ट ने एक अन्र्तराष्टï्रीयश् वेबिनार का आयोजन किया गया ।जिसका विषय था कोरोना काल में शिक्षा पर प्रभाव और बदलाव था । वेबिनार में मुख्य वक्ता क्रिकेटर अजीत अगरकर की पत्नि फतिमा अगरकर रही। दूसरी वक्ता स्विटजरलैंड की शिक्षाविद रूबी बख्शी रही।। ।
वेबिनार में भारत में और विश्व में कोरोना काल में शिक्षा के सम्मुख आयी चुनौतियों और उनका किस प्रकार समाधान किया जाय इस पर परिचर्चा हुई। रूबी का कहना था कि इस समय शिक्षण संस्थाओं को आपसी प्रतियोगिता को छोडकर आपस में सहयोग करना होगा। स्कूल केमहत्व के साथ मातापिता को भी अपने बच्चों के शिक्षण की भूमिका निभानी होगी। फातिमा का कहना था कि शिक्षा में तुरंत सारे बदलाव उपयोगी होंगे ऐसा जरूरी नहीं कुछ बदलावों को दुष्प्रभाव भी पडेगा। यह प्रक्रिया चरणों मे होगी ओर धीरे-धीरे नये बेहतर बदलाव हमारे जीवन का भाग बन जाएंगे। उनका कहना था कि क ोरोना काल में डिजिटल शिक्षा पर अत्याधिक निर्भरता हो गयी है। पर यह डिजिटल शिक्षा पूर्ण रूप से स्कूली शिक्षा का विकल्प नहीं बन पाएंगी। उनका कहना था कि छोटे बच्चाों को डिजिटल शिक्षा के अधिक प्रयोग से बचाना होगा। देश के बडे प्रतिष्ठित स्कूल तो छोटे बच्चों की ऑनलाइन कक्षा नहीं चला रहे है। वे उस मनोवैज्ञानिक दबाव को समझ रहे है जो छोटा बच्चा अॅानलाइन शिक्षा मेंं महसूस करता है। इस दिशा में ग्लोबल सोशल कनैक्ट जैसेी संस्थाओं केा आगे आ कर जागरूकता फैलानी चाहिए। रूबी ने कहा काहूट और नीयर पॉड जैसे कुछ साँफ्टवेयर बताये जिनके प्रयोग से छोटे बच्चों को खेल खिलाते हुए शिक्षा दी जा सकती है। उन्होने यह भी कहा कि भारत सरकार ने ग्रामीण बच्चों तक टीवी के माध्यम से शिक्षा देने की जो पहल की है। वह अति उत्तम है। वेबिनार का संचालन ग्लौबल सोशल कनैक्ट की अध्यक्षा रिचा सिंह , उपाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, सचिव अमित गिरी ने किया। वेबिनार में भारत, स्विटजरलैंड,ब्रिटेन, इंडोनेशिया, मलेशिया, केनिया, श्रीलंका जैसे देशों के लोगों ने भाग लिया। दीवान स्कूल रामू शर्मा, मनीषी वत्स व रितू कौशिक ने अपने भी विचार रखे।
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